नैनीताल। सीएम धामी ने भ्रष्टाचार की शिकायत पर सघन जांच के साथ त्वरित कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इसी का परिणाम है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कार्मिकों को विजिलेंस द्वारा गिरफ्तार किया जा रहा है। इसी क्रम में नैनीताल में विजिलेंस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुख्य कोषाधिकारी, नैनीताल एवं एकाउन्टेन्ट कोषागार, नैनीताल को 1 लाख 20 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।
150 से अधिक आरोपी गिरफ्तार
उत्तराखण्ड सरकार ने “जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन” की नीति को व्यवहार में लाते हुए बीते तीन वर्षों में ऐतिहासिक निर्णय और ठोस कार्रवाई की है। राज्य में भ्रष्टाचार और नकल माफिया के विरुद्ध जारी अभियान के अंतर्गत अब तक 150 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में पूर्व IFS अधिकारी आर.बी.एस. रावत और IAS अधिकारी रामविलास यादव को भी गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यह राज्य प्रशासन में पारदर्शिता और निष्पक्षता की बड़ी मिसाल है।
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उत्तराखण्ड में भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता लाने हेतु बनाए गए नकल विरोधी कानून के तहत कई संगठित गिरोहों और दलालों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। 80 से अधिक नकल माफिया पर सख्त कार्रवाई की गई। इसी का परिणाम है कि पिछले तीन साल में 23 हजार के करीब युवाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ सरकारी नौकरी दी जा चुकी है। नकल विरोधी कानून लागू होने के बाद एक भी नकल की शिकायत नहीं आई।
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