रायपुर-  तीन दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ पहुंचे राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी.सतीश ने कहा कि हजारों लोगों की कुर्बानी, परिश्रम और मेहनत से पार्टी यहां तक पहुंची है. हमें कभी नहीं भूलना चाहिए, हम कहां से चले थे और आज कहां पहुंच गए हैं. 10 लोगों से शुरू हुई पार्टी के आज 10 करोड़ सदस्य है. उन्होंने कहा कि 14 राज्यों में हमारी सरकार है, 4 राज्यों में हमारी मित्र पार्टी की सरकार है. आने वाले दिनों में 25 राज्यों में बीजेपी की सरकार बनेगी….

वी.सतीश ने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच, अमित शाह का नेतृत्व और हजारों कार्यकर्ताओं की फौज ये संकल्प ले चुकी है कि पंचायत से पार्लियामेंट तक बीजेपी का विस्तार होगा. सरकार सत्ता भोगने के लिए नहीं होगी, बल्कि इसलिए बनेगी क्योंकि समाज में परिवर्तन लाई जा सके. उन्होंने कहा कि बीजेपी राष्ट्र के निर्माण के लिए बनी पार्टी है.  नरेंद्र मोदी और हमारी पार्टी के मुख्यमंत्री उपभोग शून्य हैं. और इस संकल्प के साथ ही काम कर रहे हैं.

राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी.सतीश रायपुर के बूढ़ापारा इलाके में डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर आयोजित समारोह में शिरकत कर रहे थे. इस दौरान संगठन खड़े करने के डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी के संघर्षों को याद किया…उन्होंने कहा कि – नेहरू जी के नेतृत्व पहली सरकार बनी. तब महात्मा गांधी ने कहा ऐसे लोग भी शामिल होने चाहिए जो प्रतिभावान है. लिहाजा डाॅ. भीमराव अम्बेडकर और डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को गैर कांग्रेसी होने के बावजूद कैबिनेट में शामिल किए गए. एक कानून मंत्री और दूसरे उद्योग मंत्री बना गए, लेकिन डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी बहुत कम समय ही मंत्रीमंडल में रहे, उन्होंने बुनियादी बातों पर सरकार से मतभेद होने पर इस्तीफा दे दिया था.

डा.श्यामाप्रसाद मुखर्जी के अलावा जनसंघ की स्थापना के वक्त किसी और नेता को देश में नहीं जानते थे. कांग्रेस स्वतंत्रता आंदोलन की अगुवाई करने की वजह से हर नेता को देश जानता था. जनसंघ के सामने कोई राजतंत्र नहीं था. कम्युनिष्ट पार्टी प्रिंसिपल ओपोजिशन पार्टी थी. वो कहते थे भारत बहुराष्ट्रीय है. इसके 17 टुकड़े होंगे. ऐसा समझने वाले लोग विपक्ष में थे. सत्ता पार्टी ये मान चुकी थी कि दो कौम एक देश में नहीं रह सकती.

वी.सतीश ने कहा कि- उद्योग मंत्री के नाते मुखर्जी ने बड़ा काम किया. उस वक्त जो बड़े उद्योग स्थापित हुए उसमे उनकी बड़ी भूमिका थी.  उन्होंने कहा कि हम डाॅ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी के कश्मीर के आंदोलन को याद करके छोड़ देते है. आज की पीढ़ी को जानकारी रखनी चाहिए. 50-60 साल पुराना इतिहास है. इतिहास को जो भूल जाते हैं, वो इतिहास में जमा हो जाते हैं, इसलिए इतिहास को भूलना नही चाहिए.  इससे प्रेरणा लेकर आगे आना चाहिए.

वी.सतीश ने कहा कि आज एनडीए है.  जनसंघ से 3 लोग चुनकर संसद गए थे, लेकिन आज 282 हैं. उन्होंने बताया कि डाॅ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जब जनसंघ की स्थापना के बाद जीतकर आए तो संसद के भीतर गैर कांग्रेसियों का फोरम बनाया. 32 गैर कांग्रेसी लोगों का फोरम था. देशहित में सोचने वालों का फोरम था. अटल-आडवानी के बाद जब विषय आया कि अब इसका नाम क्या दे, तब तय किया गया कि डाॅ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम दिया था, तो नेशनल डेमोक्रेटिक तो होगा ही एलायंस जोड़ दिया गया.  वी. सतीश कहते हैं कि डाॅ.श्यामाप्रसाद मुखर्जी कहते थे कि  देश का प्रधानमंत्री एक ही होना चाहिए. कश्मीर को लेकर भारत की नीति का विरोध किया. कश्मीर जाने के लिए उस वक्त परमिट लगता था, लेकिन उन्होंने कहा कि बिना परमित कश्मीर जाएंगे, क्योंकि ये भारत का अभिन्न अंग है. कश्मीर जाते वक्त उन्होंने अटल जी को वापस भेज दिया.