हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की लव स्टोरी: धर्मेंद्र शादीशुदा थे. उनके बच्चे थे लेकिन इसके बावजूद दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे. दोनों ने ‘सीता और गीता’ के बाद भी कई फिल्मों में साथ काम किया और इसी दौरान एक शॉट के बीच में ही धर्मेंद्र ने अचानक हेमा मालिनी को प्रपोज़ कर दिया.

मुंबई. हेमा मालिनी और धर्मेंद्र की लव स्टोरी: फिल्मी करियर की कामयाबी के साथ ही धर्मेंद्र की जिंदगी में कुछ ऐसा भी हुआ जिसने उनकी जिंदगी बदल दी और ये था इश्क! फिल्म ‘सीता और गीता’ की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र और हेमा मालिनी का प्यार परवान चढ़ा. धर्मेंद्र शादीशुदा थे. उनके बच्चे थे लेकिन इसके बावजूद दोनों एक दूसरे के करीब आने लगे. दोनों ने ‘सीता और गीता’ के बाद भी कई फिल्मों में साथ काम किया और इसी दौरान एक शॉट के बीच में ही धर्मेंद्र ने अचानक हेमा मालिनी को प्रपोज़ कर दिया.

इनके प्यार के चर्चे हेमा के पिता वीएसआर चक्रवर्ती को बेहद परेशान कर रहे थी. उस वक्त की मैगजीन में लगातार ये खबरें छप रही थीं कि इस रिश्ते को तोड़ने के लिए हेमा का परिवार उनपर बेहद दबाव डाल रहा है लेकिन हेमा के लिए धर्मेंद्र से दूर रहना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन सा हो गया था. फिल्म ‘शोले’ की शूटिंग के दौरान धर्मेंद्र ने कैमरा मैन से एक सीन को बार-बार शूट करने को कहा. धर्मेद्र इस सीन को बार बार शूट करवाना चाहते थे ताकि वो हेमा के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिता सकें.

हेमा मालिनी ड्रीम गर्ल थी. और ना सिर्फ आम लड़कों की ड्रीम गर्ल बल्कि बड़े बड़े हीरोज की ड्रीम गर्ल. संजीव कुमार भी हेमा से मन ही मन प्यार करने लगे थे. एबीपी न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक संजीव कुमार ने अपने खास दोस्त जीतेंद्र के हाथ हेमा को शादी प्रपोजल भेज दिया लेकिन हेमा की मां ने इस रिश्ते के लिए मना कर दिया. हेमा ने संजीव कुमार के साथ शादी से इंकार कर दिया तो खुद संजीव कुमार के खास दोस्त जीतेन्द्र ने मौका देखकर अपने मन की बात हेमा के सामने खोल दी. दरअसल वो खुद हेमा मालिनी के प्यार में गिरफ्तार हो चुके थे.

हेमा मालिनी की जीवनी Hema Malini – The Authorized Biography के मुताबिक 1974 में बंगलौर में फिल्म ‘दुल्हन’ की शूटिंग के दौरान जीतेन्द्र और हेमा मालिनी ने साथ में काफी वक्त गुज़ारा और जैसे ही फिल्म की शूटिंग खत्म होने का वक्त नजदीक आया जीतेन्द्र बिना कोई देर किए अपने माता-पिता को लेकर चेन्नई पहुंच गए, जहां हेमा मालिनी का एक बंगला था. वो शायद चाहते थे कि शादी की बातचीत मुंबई से दूर चेन्नई में हो. उन्होंने हेमा मालिनी से कहा कि वो भी अपने माता-पिता को चेन्नई बुला लें ताकि दोनों परिवार शादी की बात कर सकें. जीतेंद्र हेमा से शादी करने की जल्दी में थे. उन्होंने हेमा से कहा कि वो फौरन उनके साथ तिरुपति चलें और शादी कर लें. हेमा सोच ही रही थी कि तभी फिर से बजी फोन की घंटी लेकिन इस बार फोन पर धर्मेन्द्र नहीं थे बल्कि थीं. लंबे समय से जीतेन्द्र की गर्लफ्रेंड रहीं एयर होस्टेस शोभा सिप्पी थीं. शोभा को भी चेन्न्ई में चल रहे इस पूरे ड्रामे की खबर लग चुकी थी और उन्होंने भी जीतेन्द्र को अपने प्यार का वास्ता देकर समझाया कि वो जल्दबाजी में कोई कदम ना उठाएं.

खबरें तो ये भी छपीं कि अगली फ्लाइट से धर्मेन्द्र चेन्नई पहुंच गए और हेमा को जीतेन्द्र के साथ रिश्ता तोड़ने के लिए मना लिया. 1978 में हेमा मालिनी के पिता की अचानक मौत हो गई. हेमा मालिनी उनके बेहद करीब थीं और उनकी मौत के बाद वो बेहद अकेली हो गईं. ऐसे वक्त में धर्मेंद्र ने उनकी हिम्मत बढ़ाई, उनका साथ दिया. बस फिर क्या था हेमा ने धर्मेंद्र से शादी करने का फैसला कर लिया.

कानून के मुताबिक धर्मेंद्र पहली पत्नी के होते हुए दूसरी शादी नहीं कर सकते थे. इसलिए 21 अगस्त 1979 को इस्लाम धर्म कबूल करते हुए धर्मेंद्र और हेमा मालिनी ने निकाह कर लिया. निकाहनामे के मुताबिक धर्मंद्र का नाम था दिलावर खान और हेमा का नाम था आयशा बी. उस समय दोनों ने अपने निकाह की बात छुपाई लेकिन जब ये खबर सामने आई तो हंगामा हो गया. उस दौर में भी इसे लेकर काफी विवाद हुआ. लेकिन धर्मेन्द्र और हेमा ने इस विवाद का असर अपने रिश्ते पर नहीं पड़ने दिया और इस निकाह के कुछ महीने बाद 2 मई 1980 को हिंदू रीति रिवाजों के मुताबिक भी शादी कर ली.