आशीष तिवारी/ शिव शम्भू- कोरिया. छत्तीसगढ़ के उत्तरी हिस्से में हाथियों के बढ़ते आतंक का उपाय सरकार के मंत्री ने बखूबी ढूंढा है. यकीन मानिए इस उपाय को देखकर आपका दिमाग भी चकरा जाएगा कि भारी भरकम हाथी को भगाने जिस सरकार ने करोड़ों रूपए खर्च कर प्रोजेक्ट गजराज चलाया. अधिकारियों की बड़ी भीड़ को केरल भेजकर हाथियों पर लगाम लगाने का पाठ पढ़ाया, उसके एक मंत्री ने छोटी सी पहल में वहीं नतीजा दे दिया, जो नतीजे करोड़ों फूंकने के बाद सामने आते रहे.
दरअसल मामला श्रम मंत्री भैय्यालाल राजवाड़े से जुड़ा है. हाथियों के बढ़ते आतंक पर लगाम लगाने मंत्री जी ने तंत्र-मंत्र का सहारा लिया है. वह भी डंके की चोट पर. हाथी के आतंक को पूजा-पाठ के जरिए खत्म करने की मंत्री की इस कवायद का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.
चेहरे पर रंगीन चश्मा और सिर पर हर वक्त टोपी लगाने वाले ये लोकप्रिय मंत्री जी दो टूक कह रहे हैं कि हाथी भी गणेश भगवान ही है. हाथियों को भगवान की तरह की पूजा जाता है. हवन-पूजन कर भी लिया तो क्या गलत क्या?
वायरल वीडियो में मंत्री भैय्यालाल राजवाड़े एक कुर्सी पर बैठे हुए हैं और नीचे जमीन पर कुछ लकड़ियां जल रही है. उनके पास ही एक पंडित मंत्रों का उच्चारण कर रहा है. इस उच्चारण के साथ ही मंत्री जल रही लकड़ियों में आहुति दे रहे है. श्रम मंत्री ने हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों को मुक्ति दिलाने भगवान से गुहार लगाई है और इसके लिए उन्होंने हवन भी किया है. यह हवन कोरिया वन मण्डल के बैकुंठपुर वनपरिक्षेत्र में किया है. जहां वे हाथी प्रभावित ग्राम वासियों से मुलाकात करने और हाथियों से हुए मकान, फसल एवं अनाज आदि की नुकसान का जायजा लेने पहुंचे थे.
मंत्री भैय्यालाल राजवाड़े ने स्वराज एक्सप्रेस चैनल से हुई बातचीत में कहा कि-
पंडित जी आ गए बोले कि हवन करते हैं. हाथी भी गणेश भगवान है. भगवान की तरह ही हाथियों को पूजा जाता है, तो हवन करने में क्या बुरा है. प्रशासन तो लगा ही हुआ है रोकथाम करने के लिए. हाथियों के आतंक से बचने के लिए तमाम प्रयास चल रहे हैं. लेकिन वह भी इष्ट देवता है, हवन करने में क्या दिक्कत है. हमने कुछ गलत नहीं किया है. हाथियों के आतंक को कम करने के लिए हर तरीके अपनाना चाहिए. तंत्र-मंत्र में कौन सा खर्चा लगता है, कोई दिक्कत नहीं है ये सब करने में. कोई बुराई नहीं है. हवन-पूजा का असर होगा, तो होगा और नहीं होगा, तो नहीं होगा. क्या हमने किसी का कुछ लूट लिया क्या? बात का बतंगड़ बना रहे हैं. आखिर क्यों गणेश भगवान की ढोल मजीरा बजाकर पूजा की जाती है.
हास्यापद स्थिति प्रतीत होती है. नई पीढ़ी को आगे बढ़ाने की बात करने वाली बीजेपी की रूढ़िवादी सोच नजर आती है. आप यह सोचे की काम करने की बजाए इस प्रकार का आडंबर करेंगे, तो समाज को क्या संदेश देंगे. इस प्रकार की घटना दुखद, अपरिपक्व, हास्पादय है. एक मंत्री ऐसा करते दिखे, ये बड़ी अफसोस की बात है. अपरिपक्वता का परिचायक है. दुर्भाग्य से भैय्यालाल राजवाड़े अक्सर ऐसी हरकत करते रहते हैं. यदि हाथियों को हवन से दूर किया जा सकता, तो हाथी होते ही नहीं. भैय्यालाल राजवाड़े को मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए औऱ हर जगह जाकर ऐसे हवन करने चाहिए. वह हवन करते रहे और अपना जिम्मा दूसरे साथी को दे दिया जाना चाहिए. रूढ़िवादिता से बचना चाहिए मंत्री को, क्योंकि वह अब सिर्फ भैय्यालाल राजवाड़े नहीं है, मंत्रीमंडल के सदस्य है.
देखिये वीडियो-
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