संदीप शर्मा, विदिशा। मध्य प्रदेश के विदिशा जिले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। जहां बेतवा नदी में कई आधार कार्ड तैरते हुए मिले, तो कुछ किनारे पर ढेर लगे मिले ? जिन आधार कार्ड को लोगों तक पहुंचाया जाना था वह नदी के किनारे मिले। प्रथम दृष्टया ये डाक विभाग की लापरवाही मानी जा रही है। सरकारी सिस्टम में व्यक्ति की पहचान बताने वाला आधार अपना मुकाम ढूंढ रहा है।

दरअसल, आधार कार्ड को आम आदमी की पहचान माना जाता है। किसी भी डॉक्यूमेंट बनवाने के लिए आज के समय में आधार कार्ड जरूरी हो गया है। व्यक्ति की पहचान आधार के बिना अधूरी है। जीवन का आधार ही आधार कार्ड है, लेकिन यही आधार कार्ड जब नदी में तैरते मिले तो सिस्टम पर सवाल जरूर उठता है।

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यह आधार कार्ड लोगों को वितरित करने के लिए आधार कार्ड केंद्र से बनकर डाकघर में आए होंगे ?, लेकिन डाकघर की लापरवाही के कारण लोगों को वितरित न कर आधार कार्ड को बेतवा नदी में फेंक दिया गया। जिसके बाद बेतवा नदी पर श्रम समिति के सदस्यों की नजर पड़ी, तो उन्होंने इसे एकत्रित कर पत्रकारों और सरकारी अधिकारियों को इसकी सूचना दी।

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गौरतलब है विदिशा जिले में इस तरह आधार कार्ड मिलने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी इस तरह के मामले सामने आते रहे हैं। डाक के माध्यम से घर तक पहुंचने वाले आधार कार्ड लोगों के घर तक पहुंचाने की बजाय नदी में फेंक दिए जाते हैं।

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