रायपुर. भाजपा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर आरोप लगाया है कि वे प्रदेश में अघोषित सेंसरशिप लादकर अलोकतांत्रिक आचरण प्रस्तुत करने पर आमादा हैं. यह राजनीतिक असहिष्णुता का नमूना है जिसके जरिए प्रदेश सरकार मीडिया पर शिंकजा कसकर भय और आतंक का माहौल बनाने के एजेंडे पर काम कर रही है. भाजपा ने कथित फेक न्यूज की आड़ में आतंक पैदा करने की सरकारी कोशिश की निंदा की है.

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कहा कि प्रदेश सरकार ने फेक न्यूज की मॉनीटरिंग के लिए सेल का गठन किया है. इस संदेह के पर्याप्त आधार है कि इसके बहाने वे अपने हितों पर चोट पहुंचाने वाली हर सूचना व सामग्रियों को फेक न्यूज या अफवाह बताकर संपादकों-संचालकों को कार्रवाई के दायरे में घसीटेंगे. प्रदेश को अभी कुछ महीनों पूर्व ही बिजली कटौती को लेकर वायरल वीडियो और समाचार प्रसारण के मामले में राजनांदगांव जिले के मांगीलाल अग्रवाल व महासमुंद के पत्रकार को राजद्रोह की धाराओं के तहत पुलिस हिरासत में रखे जाने की घटनाएं याद हैं. तब भी सरकार ने इसे फेक न्यूज और सरकार के खिलाफ उकसाने वाली कार्रवाई बताया था. प्रदेश गवाह है कि बाद में हाल ही हुए खुलासे से वायरल वीडियो की बातें सही साबित हुई थीं. उसेंडी ने कहा कि अपने खिलाफ मीडिया की किसी भी सूचना और सामग्री को सिरे से खारिज करना मौजूदा सत्ता प्रतिष्ठान ने अपनी फितरत बना ली है. उन्होंने कहा कि भाजपा भ्रामक खबरों व अफवाहों से सावधान रहने की हिमायती होने के साथ-साथ मीडिया की स्वतंत्रता के लिए डटकर मैदान में खड़ी रही है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि दरअसल मीडिया की सक्रिय भूमिका के चलते आयकर छापों और खासकर किसानों के साथ लगातार हो रही बर्बरता के सामने आने से सरकार की पोल खुलती रही है. आयकर छापों में मिले दस्तावेजों और दीगर सम्पत्तियों की तो अभी जांच चल रही है, तो फिर प्रदेश की कांग्रेस सरकार किस आधार पर यह दावा कर सकती है कि आयकर छापों में कुछ नहीं मिला है. क्या आयकर विभाग द्वारा 150 करोड़ के नाजायज संपत्ति मिलने की बात नहीं कि गई है? उसेंडी ने कहा कि सीएम खुद को तानाशाह समझ बैठे हैं. वे सत्ता की हनक में काफी जल्दी इस बात को भूल गए कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है, और संविधान द्वारा दी गई आमव्यक्ति की आजादी सीएम की मुहताज नहीं है.

उसेंडी ने याद दिलाया कि उन्हीं की नेता प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भी जनता की आवाज को दबाने की कोशिश की थी, आज तक उसके कारण कांग्रेस का इतिहास कलंकित है फिर भी वे इस आवाज को रोक नहीं पाए. उसेंडी ने आग्रह किया है कि सीएम पिछले साल भर में शासन के चेहरे पर लगे दाग धब्बे को साफ करने, इमानदारी, पारदर्शिता और विनम्रता के साथ जनता से किए वादे को एक सेवक की तरह निभाने की कोशिश में जुटें, आईना तोड़ देने से कुछ भी नहीं होने वाला. उन्होंने एक शेर “उम्र भर यह भूल करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा” अर्ज करते हुए कहा कि आईना पर सवाल उठाने से चेहरे साफ नहीं होते, अपने अच्छे कर्मों से उसे साफ करना होता है.