रायपुर. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पीएम पुनिया से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नाथूराम गोडसे की तुलना करने को कांग्रेस की विकृत राजनीतिक मानसिकता का परिचायक बताया है. उसेंडी ने कहा कि ऊलजलूल बयानबाज़ी करके कांग्रेस नेता न केवल संविधान की गरिमा और राजनीतिक मतभेदों की मर्यादा को तार-तार कर रहे हैं, बल्कि अपने मानसिक असंतुलन का प्रदर्शन कर रहे हैं.

उसेंडी ने कहा कि झूठ-फ़रेब और कपटपूर्ण राजनीतिक चरित्र का परिचय देते हुए कांग्रेस के नेता अब अपनी भाषा पर भी संयम खोते जा रहे हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेंडी ने कहा कि नाथूराम गोडसे भाजपा के विचारों तक में कभी नहीं रहा, जबकि कांग्रेस के लोग दिन-रात जिस तरह भाजपा को कोसने के लिए गोडसे के नाम की माला जप रहे हैं, उससे यह सवाल खड़ा होता है कि क्या गोडसे के बिना कांग्रेस विचारशून्य हो जाती है?

कांग्रेस की राजनीतिक संस्कृति पर गोडसे का प्रभाव हो सकता है और शायद इसीलिये वह वैसा ही सोच रही है. लेकिन भाजपा की राजनीतिक संस्कृति में न केवल व्यक्ति, बल्कि संवैधानिक संस्थाओं के प्रति मर्यादा और सम्मान का भाव व्यक्त करने का संस्कार है और इसीलिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में पहली बार प्रवेश करते समय उसकी सीढ़ियों को प्रणाम करते हैं, संसद के केन्द्रीय कक्ष में संविधान को नमन करते हैं.

उसेण्डी ने कहा कि विध्वंस और संवैधानिक व लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं को नष्ट-भ्रष्ट करके सियासत करने का काला इतिहास कांग्रेस का रहा है और जैसे कर्म कांग्रेस ने अपने शासनकाल में किये हैं, उसी नजरिये से वे भाजपा के शासनकाल की तुलना करने की भूल कर रहे हैं.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष उसेण्डी ने तंज कसा कि जिस पार्टी के प्रदेश प्रभारी और बाकी के नेता जिस तरह की ऊलजलूल बयानबाजी कर रहे हैं, उस पार्टी के एक विधायक यदि यह कहते सुने जा रहे हैं कि धमतरी में भाजपा ने जादू-टोना करके विधानसभा चुनाव जीता है तो उस विधायक के नजरिये से कोई हैरत नहीं होती. कांग्रेस में इन दिनों ऊपर से लेकर नीचे तक अमर्यादित और असंयमित भाषा में जिस तरह का राजनीतिक अन्धविरोध व्यक्त हो रहा है, वह कांग्रेस नेताओं की बदहवासी और मानसिक असंतुलन के तत्काल इलाज की जरूरत को रेखांकित कर रहा है.