सुदीप उपाध्याय, बलरामपुर। जिले के वाड्रफनगर वन परीक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत अलका मानपुर में बाघ की धमक से ग्रामीण दहशत में है. बाघ के हमले से दर्जनों पालतू पशुओं की मौत हो गई है. सूचना के बाद जिले के वनमंडल अधिकारी विवेकानंद झा दल-बल के साथ स्थल निरीक्षण के लिए पहुंचे.

डीएफओ विवेकानंद झा ने आसपास के क्षेत्रों का दौरा किया. घटनास्थल के आसपास बाघ के पंजों के निशान पाए गए हैं. ग्रामीणों के बताए अनुसार, एक साल पहले भी क्षेत्र में बाघ आया था. फिर से बाघ के आने और पालतू पशुओं का शिकार किए जाने से ग्रामीण काफी दहशत में है. एसडीओ फॉरेस्ट अनिल कुमार पैकरा ने बताया कि बाघ की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की मौके पर तैनाती की गई है. इसके साथ गश्त बढ़ाई गई है. ग्रामीणों को जंगल नहीं जाने एवं सतर्क रहने के लिए क्षेत्र में मुनादी भी कराई गई है.

उन्होंने बताया कि वन प्रबंधन समिति सदस्यों को भी सुरक्षा एवं समझाइश के लिए कहा गया है. इसके साथ ही विभाग की ओर से पशु मालिकों को उचित मुआवजा दिया जाएगा. अग्रिम कार्रवाई करते हुए परीक्षण के लिए पशु चिकित्सालय वाड्रफनगर की ओर पत्र भेजा गया है. घटना स्थल के पास पंजा का निशान पाया गया चूंकि पानी गिरने के पगमार्क स्पष्ट दिखाई नहीं दे रहा था, इसलिए पंजे को ट्रेश कर प्लास्टर ऑफ पेरिस से कास्टिंग की गई है. ग्रामीणों के बताए अनुसार संपूर्ण घटनाक्रम का फोटोग्राफ्स वन्य प्राणी विशेषज्ञ अंकित जायसवाल को उपलब्ध कराया गया है. उनका अभिमत लेने के बाद पाया गया कि बाघ के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है.

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