जितेंद्र सिन्हा, राजिम. ग्राम पंचायत बोरिद में सूखा नदी से कमारीन नाला तक नाला की साफ सफाई व मरम्मत को लेकर तकरीबन 12 लाख की प्राशासनिक स्वीकृति मिली है. सप्ताहभर से रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्रामीण सैकड़ों के तादात में चिलचिलाते धूप में काम पर जा रहे. श्रामिकों को उनके मेहनत के मुताबिक पारिश्रमिक नहीं मिलने से ग्रामीणों में खासा आक्रोश है. वहीं आज तड़के सुबह कार्य स्थल पर मजदूरों ने जमकर हंगामा मचाते हुए जिम्मेदार अधिकारी से जितना काम उतना दाम की मांग की.

ग्रामीणों का आरोप है कि रोजगार गारंटी योजना के तहत प्रति श्रमिक स्वीकृत मजदूरी 210 रुपए के एवज में महज एक दिन का मात्र 110 रुपए दिया जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वे निर्धारित समय में कार्य स्थल पहुंचकर बकायदा समय रहते पूरा कार्य करते हैं. इसके बावजूद भी जिम्मेदार विभाग के मार्फत सब इंजीनियर द्वारा मजदूरी की राशि में कटौती किया जा रहा. श्रामिकों का कहना है कि सप्ताहभर किए गए कार्य का महज 720 रुपए ही रोजी दिया गया.

सैकड़ों की तादात में एकत्रित महिला व पुरुषों ने एक स्वर में कहा कि केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत मनरेगा के कार्य में पारिश्रमिक निर्धारित दर से भुगतान नहीं करने पर योजना के तहत स्वीकृत कार्य का बहिष्कार करेंगे. साथ ही धरना प्रदर्शन व आंदोलन करने ग्रामीण लामबंद होंगे, जिसकी जवाबदेह उन्होंने शासन को ठहराए जाने की चेतवानी भी दी है.

कार्यस्थल पर स्वीकृत कार्य का सूचना पटल भी नहीं

महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत स्वीकृत कार्य का तकरीबन सप्ताहभर पहले शुरू हुए कार्यस्थल पर योजना के तहत स्वीकृत कार्य का सूचना पटल नहीं लगा है. बोरिद में योजना को मूर्त रूप देने वाले रोजगार सहायक का पद रिक्त होने से अन्यत्र पंचायत के रोजगार सहायक को प्रभार दिया गया है, जो मौके पर नदारत रहते हैं. मौके पर ग्राम के ही कुछ युवकांे जिनको आधा अधूरी जानकारी वाले कार्य स्थल में जाकर मूल्यांकन करते हैं. वहीं मनरेगा से संबंधित इंजीनियर सप्ताह में एक दिन पहुंच गए तो बहुत बड़ी बात होगी. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि कार्य किस प्रगति पर होगी और मजदूरों का भुगतान का मापदंड कैसे निर्धारित होता होगा.

अफसर बोले – जांच के बाद करेंगे कार्यवाही

इस मामले में अजय पटेल मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत फिंगेश्वर कहा कि मामले में जिम्मेदार मार्फत कर्मचारी को भेजकर जांच कर कार्यवाही करेंगे. मजदूरों को कार्य के अनुरूप भुगतान किया जाएगा.