अजय सूर्यवंशी, जशपुर। बगीचा विकासखंड के ग्राम महादेवडांड स्थित सरकारी स्कूल की प्राचार्य से परेशान ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से डाक के जरिए शिकायत पत्र भेजा था. पत्र के आधार पर मिले निर्देश पर जांच के लिए तहसीलदार के पहुंचने से ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं जांच के दौरान ग्रामीणों की शिकायत पर प्राचार्य निरुत्तर नजर आईं.

ग्रामीणों के अनुसार, सरकारी हाई स्कूल की प्राचार्य अपनी दुकान से ही स्कूल यूनिफार्म तथा अन्य सामग्री खरीदी करने का दबाव डालती थी. इसके अलावा स्कूल में एडमिशन के दौरान भी अभिभावकों को सीट नहीं होने का बहाना कर काफी परेशान करती थी. प्राचार्य के रवैये को लेकर अभिभावकों ने कई बार जिले के अधिकारियों को शिकायत की थी, लेकिन उनकी समस्या जस की तस बनी रही.

आरोपों पर निरुत्तर नजर आईं प्राचार्य

इस पर परेशान अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के नाम एक शिकायत पत्र डाक से भेजा था. इसी पत्र की जांच करने पहुंचे तहसीलदार सहोदर पैकरा ने स्कूल परिसर में ही प्राचार्य के समक्ष दोनों पक्ष के बयान दर्ज किए. मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू हुई इस जांच में ग्रामीणों ने अक्षरशः अपनी बातों को दोहरा दिया, जिस पर सरकारी स्कूल की प्राचार्या निरूत्तर नजर आईं.

शिकायतकर्ता अपनी बातों पर अडिग

जांच अधिकारी तहसीलदार सहोदर पैंकरा ने बताया कि ग्रामीणों की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम से भेजी गई शिकायत पर उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन पर जांच शुरू की गई है. इसमें शिकायतकर्ता अपनी बातों पर आज भी अडिग हैं. इस मामले में आवश्यक कार्यवाही के लिए जांच प्रतिवेदन भेजा जा रहा है.

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