पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद। मैनपुर परिक्षेत्र मुख्यालय से 5 किमी दूरी पर स्थित नहानबीरी के वनों की अंधाधुंध कटाई रोकने ग्रामीण लामबद्ध हो गए हैं. ग्रामीणों ने मामले की शिकायत डीएफओ की है. ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय अमला के साथ मिलीभगत कर वनों की कटाई की जा रही है.शिकायत के बाद भी विभाग की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई. इस शिकायत के बाद डीएफओ ने तत्काल जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए है.

गौरतलब है कि मुख्यालय से महज कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित कव्हापानी, सीलपानी, आमापानी,नहानबीरी के नर्सरी में बड़े व पुराने इमारती लकड़ियों की कटाई कई वर्षों से हो रही है. बाहरी व्यक्ति जंगलों को उजाड़ कर अतिक्रमण कर रहे हैं. नहानबीरी के ग्रामीण इस अतिक्रमण के खिलाफ शुरू से है.

ग्रामीण चन्दन सिंह, सोप सिंह नागेश, धनसिंह नेताम, पूनाऊ राम, इतवारी ध्रुव, हीरालाल समेत कई ग्रामीणों ने स्थानीय वन अमला पर मिली भगत का आरोप लगाया है. ग्रामीणों ने कहा कि अवैध कटाई रोकने पहले भी कई बार शिकायत किया गया. ग्रामीणों ने कहा कि वनों को बचाने पिछले तीन दिनों से लगातर ग्राम समिति की बैठक आयोजित किया गया, जिसमें मैनपुर परिक्षेत्र के स्थानीय वन अमला को बुलाया गया, लेकिन अफसर नहीं आये. भड़के ग्रामीणों ने मीडिया कर्मियों को साथ लेकर अवैध कटाई को दिखाया. आक्रोशित ग्रामीणों ने मामले से डीएफओ मयंक अग्रवाल को भी अवगत कराया. डीएफओ ने तत्काल जांच के निर्देश देकर उचित कार्यवाही करने को कहा.

यह दूसरा मौका जब अवैध कटाई के खिलाफ ग्रामीण लामबद्ध हुए

साल भर पहले उदंती अभयारण्य इलाके में हुए अवैध कटाई के खिलाफ ग्रामीण लामबद्ध होकर वन मंत्री के बंगले तक पहुंचे थे. मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश हुए थे. आईएफएस स्तर के अफसरों की कमेटी गठित कर मंत्री मोहम्मद अकबर ने उच्चस्तरीय जांच करवाया था. 6 से भी ज्यादा दोषी वन अधिकारी कर्मी निलम्बित हुए थे. 100 से भी ज्यादा अतिक्रमणकारियों को बेदखल कर दण्डात्मक कार्यवाही किया गया था.