पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा. जिले के कुआकोंडा ब्लाक के अंदरूनी इलाके पोटाली में पुलिस कैंप लगने वाला है. इसकी सूचना मिलते ही ग्रामीण भड़क गए. शुक्रवार को पोटाली व नीलवाया पंचायत के हजारों ग्रामीणों ने आंदोलन शुरू कर दिया. ग्रामीण हाथों में बैनर लेकर रैली निकाली और नवीन कैंप का विरोध जताया.

पुलिस प्रशासन द्वारा ग्रामीणों को जबरन नक्सलियों के नाम पर पकड़ना, जेल में बंद करना बंद करें. आंदोलन कारियों ने इस पर न्यायिक जांच करने की मांग की. ग्रामीणों की ये रैली पोटाली चूलेपारा से नीलवाया होते हुए जंगलों के रास्ते से निकली. रैली लगभग 3 किमी तक निकली. साथ ही कुछ बैनरों में फूलपाड़ और पोटाली जैसे ग्रामों में आदिवासियों की जमीन के पट्टे देने के नाम पर जबरन उन्हीं की जमीन से बेदखल करने वालों का विरोध करते हुए न्यायालय के फैसले को भी गलत बताया. इन बैनरों में जन संघर्ष समिति भी लिखा हुआ था.

 

सूरजपुर के अग्रवाल ने हड़प ली 190 एकड़ जमीन

ग्रामीणों ने बताया कि पोटाली के 7 ग्रामीणों की 190 एकड़ जमीन सूरजपुर के अग्रवाल ने धोखे से रजिस्ट्री करा ली. धोखे में रखकर मात्र 35 हजार रुपये थमा दिया. आदिवासियों को इसी तरह से ठगा जा रहा है. साथ ही जयराम नामक ग्रामीण ने आशंका जताई कि कैम्प बैठने से डीआरजी के जवान तैनात किए जाएंगे. डीआरजी के जवान गांवों में गश्त कर लूटपाट फर्जी मुठभेड़ करेंगे. वे अक्सर गांवों में ऐसे ही काम करते हैं इसलिए हम कैम्प लगने नहीं देंगे.

रैली में ग्रामीण डीआरजी जवानों के गश्त पर आरोप लगाते हुए जबरन गांवों में मारपीट के आरोप लगा रहे थे. रैली में सबसे अधिक भीड़ पोटाली गांव की थी. जहां मिर्चीपारा, रेंगामपारा, किकरीपारा, मेटापारा, धुर्वापारा, केशापारा, चुलेपारा, राउतपारा, कुंजामपारा, हूरपाल पारा, बंडीपारा जैसे ग्रामीण पहुंचे हुए थे.

ग्रामीणों की रैली पर एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि जब कैंप लगना होगा, तब सुरक्षा की दृष्टिकोण से हम लगा देंगे. विरोध का सबका संवैधानिक अधिकार है. ग्रामीणों को अगर कैंप से दिक्कत है तो कलेक्टर के पास जाए या फिर न्यायालय की तरफ जाए.