रायपुर. कथित सीडीकांड में विनोद वर्मा की ज़मानत याचिका पर रायपुर की अदालत में सुनवाई पूरी हो गई है. इस पर फैसला लंच के बाद आएगा. वर्मा की ओर से सुदीप श्रीवास्तव और फैजल रिजवी ने अपनी दलीलें रखीं. बहस करीब एक घंटे से ज़्यादा चली.
दोनों वकीलों का कहना था कि चूंकि आरोपी वरिष्ठ पत्रकार हैं इसलिए उन्हें ज़मानत देने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए. बचाव पक्ष के वकील ने ज़मानत का विरोध किया. वकीलों का कहना है कि वर्मा एक पार्टी से जुड़े हैं. इसलिए जांच को प्रभावित कर सकते हैं. अभी सीडी की जांच रिपोर्ट नहीं आई है. इसलिए इन्हें छोड़ना ज़रूरी नहीं है. इस पर वर्मा के वकीलों का कहना था कि आरोप लगाने वाले खुद एक ऐसी पार्टी से जुड़े हैं जो केंद्र के साथ राज्य में सत्तासीन है इस लिहाज़ से कौन जांच को ज़्यादा प्रभावित कर सकता है.
गौरतलब है कि धमकी देने के आरोप में बीजेपी नेता प्रकाश बजाज की शिकायत पर पुलिस ने पत्रकार विनोद वर्मा को 27 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. विनोद वर्मा को पुलिस ने गाजियाबाद से गिरफ्तार किया था. पुलिस का दावा है कि उनके पास से 500 सीडी, पैन ड्राइव और लैप्टॉप बरामद किया गया था.
इसके बाद वर्मा को छत्तीसगढ़ पुलिस ट्रांजिट रिमांड पर रायपुर लेकर आई. इसके बाद मंत्री की कथित सेक्स सीडी सामने आई थी जिसे बाद में सरकार ने फर्जी बताते हुए इसकी जांच सीबीआई को सौंपी है. इस मामले को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच घमासान मचा हुआ है.
मामले में वर्मा को 31 अक्टूबर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया. सुनवाई के बाद पत्रकार वर्मा के वकील फैज़ल रिज़वी ने कहा कि पुलिस ने जो सबूत पेश किए हैं वो बनावटी हैं.