नई दिल्ली। हम सत्ता के दुरुपयोग के भुक्तभोगी हैं. मेरे ऊपर फर्जी एनकाउंटर का फर्जी केस किया गया… अधिकारी बस एक ही बात बोलते थे कि और कुछ नहीं चाहिए, बस मोदी का नाम ले लो. हमने यह लड़ाई कोर्ट में लड़ी…काले कपड़े पहन कर विरोध नहीं किया. यह बात गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में एक टीवी चैनल पर कही.

गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी को सूरत की एक अदालत द्वारा सुनाई गई सजा पर कांग्रेस पार्टी द्वारा सड़क से लेकर संसद तक किए जा रहे विरोध-प्रदर्शन पर कहा कि मैं जब गुजरात का गृह मंत्री था तो सीबीआई ने मुझ पर एक एनकाउंटर के मामले में फर्जी केस दर्ज किया था. मुझसे सीबीआई के 90 प्रतिशत सवालों में यही होता था, क्यों परेशान हो रहे, नरेंद्र मोदी का नाम ले लो, बच जाओगे. हमने कभी काले कपड़े पहनकर संसद जाम नहीं किया.

उन्होंने आगे कहा कि मामला मुंबई हाई कोर्ट लेकर गए थे, गुजरात से बाहर. मुझे 90 दिन में ही हाई कोर्ट ने बेल दे दी. अदालत ने कहा कि राजनीतिक प्रतिशोध के तहत राजनीतिक इशारों पर सीबीआई ने यह केस दर्ज किया है, इसलिए अमित शाह पर दर्ज केस और सारे आरोपों को खारिज करते हैं. यही लोग बैठे थे, यही चिदंबरम थे, यही सोनिया गांधी नेतृत्व करती थीं यूपीए सरकार का, यही मनमोहन सिंह थे, यही राहुल गांधी सांसद थे. तब क्या हुआ था भाई? हमने तो हाय-तौबा नहीं की.

तब लोकतंत्र खतरे में नहीं था?

सूरत की एक अदालत द्वारा मानहानि के मामले में राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता अकेले ऐसे व्यक्ति नहीं हैं, जिन्हें अदालत ने दोषी ठहराया है, और जिन्होंने लोकसभा की सदस्यता खो दी है. उनसे पहले 17 सांसदों की सदस्यता गई है, तब लोकतंत्र खतरे में नहीं पड़ा था, सिर्फ राहुल गांधी के मामले में ही लोकतंत्र खतरे में पड़ गया?

नवीनतम खबरें –

इसे भी पढ़ें :