नई दिल्ली। हम भारतीय इन दिनों पेट्रोलियम पदार्थ की आसमान छूती कीमतों की मार झेल रहे हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हम दुनिया में सबसे ज्यादा कीमत पर गैस याने एलपीजी खरीद रहे हैं. यही नहीं पेट्रोल और डीजल की भी हम दूसरे देशों के मुकाबले ज्यादा कीमत अदा कर रहे हैं.

रुपए की खरीद शक्ति (पर्चेजिंग पॉवर) के हिसाब से भारत में प्रति किलोग्राम एलपीजी की कीमत 3.5 डॉलर पड़ रही है, इस हिसाब से हम अपनी रोजाना की आय का 15.6 फीसदी हिस्‍सा गैस पर ही खर्च कर रहे हैं. प्रति व्‍यक्ति की रोजाना आमदनी का इतना बड़ा हिस्‍सा अन्‍य किसी देश में खर्च नहीं हो रहा है. आप जानकर हैरान हो जाएंगे युद्ध में फंसे यूक्रेन के लोगों का भी नंबर भारत के बाद आता है. पर्चेजिंग पॉवर के हिसाब से भारत के बाद तुर्की, फिजी, मेलडोवा और फिर यूक्रेन का नंबर आता है. वहीं स्विटजरलैंड, फ्रांस, कनाडा और यूके में एलपीजी गैस की कीमत लोगों की पर्चेजिंग पावर की तुलना में बहुत कम है.

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पेट्रोल-डीजल भी पड़ रहा है महंगा

केवल एलपीजी की ही बात नहीं है, पेट्रोल और डीजल की कीमत भी पर्चेजिंग पावर पैरिटी के हिसाब से हमें भारी पड़ रहा है. भारत में 1 लीटर पेट्रोल का भाव करीब $1.5 है. हम प्रति व्‍यक्ति की रोजाना आय का करीब 23.5 फीसदी हिस्‍सा प्रति लीटर पेट्रोल खरीदने पर खर्च कर रहे हैं. हमारे पड़ोसी मुल्क के लोग हमसे कम पेट्रोल पर कम खर्च कर रहे हैं. नेपाल में पेट्रोल पर रोजाना कमाई का 38.2 फीसदी हिस्‍सा खर्च कर रहे हैं, वहीं पाकिस्‍तान में 23.8 फीसदी हिस्‍सा पेट्रोल की खरीद पर जा रहा. इसी तरह भारत में डीजल के दाम भी 100 रुपये प्रति लीटर के पार चले गए हैं. ऐसे में हमारी रोजाना कमाई का 20.9 फीसदी हिस्‍सा डीजल खरीद पर खर्च हो रहा है. भारत से आगे नेपाल 34 फीसदी, पाकिस्‍तान 22.8 फीसदी जैसे सात देश हैं.

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