रायपुर.  पंचायत प्रतिनिधियों के सवालों का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम पंचायतीराज संस्थाओं से पूछकर कानून बनाएंगे, यदि हमारा मुख्यमंत्री ऐसा नहीं करेगा तो हम उसे बदल देंगे. उन्होंने कहा कि धारा 40 प्रधानमंत्री, सांसदों और विधायकों पर लागू क्यों नहीं होता. इन पर स्पेशल ट्रीटमेंट क्यों हो रहा है. हमारी कोशिश होगी कि हम जितनी भी शक्तियां आपको दे सकेंगे हम देंगे.

राहुल गांधी ने कहा कि पंचायतीराज के जनप्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. ये कहा जाता है कि पंचायतीराज में वहीं व्यक्ति चुनाव लड़ सकता है जो पांचवी-आठवी पास है. ये नियम सांसदों और विधायकों के लिए क्यों लागू नहीं होता. दरअसल पंचायतीराज के अधिकारों को नौकरशाह अपने हाथ में लेना चाहते हैं.

एक सावल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा कि जल, जमीन और जंगल आदिवासियों का है. इसका प्रबंधन आदिवासियों के हाथों में होना चाहिए. यही पेसा कानून का लक्ष्य था. आदिवासी अपने क्षेत्र में अपने लिए काम करें और ऊपर से उन्हें कोई आदेश ना दें.

गांधी जी ने जब स्वराज की बात कहीं थी तब उन्होंने कहा था कि देश के हर वर्ग की सहभागिया होनी चाहिए. हमारी यही कोशिश है कि जनता की आवाज को मजबूत करें. लेकिन बीजेपी और आरएसएस की कोशिश है कि जनता की आवाज को दबाएं. ये लोग चाहते हैं कि आदिवासियों की जमीन बड़े बड़े उद्योगपतियों को दिया जाए. मोदी जी मार्केटिंग का पैसा कौन देता है? 8-10 घण्टे टीवी पर आते है. आदिवासियों की जमीन का पैसा मोदी जी के मित्र नीरव मोदी को दी जाती है और यही तो गुजरात मॉडल है.