Arpita Mukherjee News: पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में अर्पिता मुखर्जी (teacher recruitment scam of West Bengal) का नाम सबसे चर्चित है. अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) भले ही इस घोटाले की मुख्य आरोपी न हों, लेकिन मीडिया में यह नाम हर जगह गूंज रहा है. अर्पिता इस घोटाले के मुख्य आरोपी और तृणमूल सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) की करीबी हैं. कोलकाता के उपनगरीय इलाके बेलघोरिया में एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्म लेने वाली 34 वर्षीय अर्पिता मुखर्जी कैसे कैश क्वीन बन गईं. उनकी पहली शादी क्यों टूट गई और पार्थ से उनकी पहली मुलाकात कैसे हुई? .

बता दें कि अर्पिता की शादी बंगाल (Arpita was married) के झारग्राम जिले में एक बिजनेसमैन से हुई थी. हालांकि, ससुराल जाने के कुछ महीनों बाद ही अर्पिता अपने पति को छोड़कर कोलकाता लौट आई. बचपन से ही बड़े-बड़े ख्वाब देखने वाली अर्पिता ने इसके बाद एक बार फिर मॉडलिंग और एक्टिंग (modeling and acting) की दुनिया में काम तलाशना शुरू कर दिया. 

अर्पिता की मां मिनाती मुखर्जी अब भी बेलघरिया में अपने पैतृक घर में रहती हैं. अर्पिता के पिता केंद्र सरकार में नौकरी करते थे. हालांकि, अचानक उनका निधन हो गया। इसके बाद ये नौकरी अर्पिता को ऑफर हुई थी, लेकिन अर्पिता ने इसे करने से इनकार कर दिया. 

अर्पिता मुखर्जी ने महज 16 साल की उम्र से ही मॉडलिंग शुरू कर दी थी. ऐसे में उसे छोटे-मोटे रोल मिलने लगे थे. अर्पिता ने ‘कुछ मीठा हो जाए’ और ‘राजू आवारा’ जैसी फिल्मों में साइड रोल किए. इसके बाद 2008 में अर्पिता को बांग्ला फिल्म ‘पार्टनर’ में काम करने का मौका मिला.
 

इसके बाद प्रोड्यूसर-डायरेक्टर अनूप सेनगुप्ता ने फिल्म मामा भगने (2010) में अर्पिता को मौका दिया. हालांकि, इस मूवी में उन्हें हीरोइन की दोस्त का रोल मिला। इस मूवी में अर्पिता मुखर्जी के साथ बांग्ला के जाने-माने एक्टर प्रोसेनजीत चटर्जी भी थे.

धीरे-धीरे अर्पिता को लोग जानने लगे और उन्हें फिल्मों में काम मिलता रहा. हालांकि, उन्हें ज्यादातर फिल्मों में साइड रोल ही मिले। अर्पिता ने 2008 से 2014 तक बांग्ला और उड़िया फिल्मों में काम किया और इसके बाद उन्हें काम मिलना ही बंद हो गया.

अर्पिता मुखर्जी शुरुआती दिनों में एक लोकल क्लब में मॉडलिंग किया करती थीं, जिस क्लब में वो मॉडल थीं, उसके पास ही पार्थ चटर्जी का घर था. बस, यहीं से अर्पिता और पार्थ की जान-पहचान हुई। हालांकि, ये जान-पहचान धीरे-धीरे खुलकर नजर आने लगी और दोनों कई मौकों पर साथ दिखने लगे.
 

ईडी के छापे में मिले डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक, पार्थ और अर्पिता ने 21 जनवरी, 2012 को एक फ्लैट खरीदा जो दोनों के नाम ज्वांइट प्रॉपर्टी है. पार्थ के साथ अर्पिता की नजदीकियों ने उसे धन-दौलत-शोहरत सबकुछ दिया, जिसे वो तलाश रही थी. कहा जाता है कि पार्थ अपनी ज्यादातर प्रॉपर्टी अर्पिता के नाम से ही खरीदने लगे थे.

अर्पिता के नाम बेलघरिया में एक पुश्तैनी घर के अलावा 4 फ्लैट हैं. इसके अलावा टॉलीगंज डायमंड सिटी में फ्लैट है. चिनार पार्क के रॉयल रेजीडेंसी में  एक फ्लैट है. शांति निकेतन में एक गेस्ट हाउस है। साउथ 24 परगना के महूरदहा में प्रॉपर्टी है. इसके अलावा कस्बा और राजडांगा में भी 4 मंजिला प्रॉपर्टी है, जिसमें बैंक्वट हॉल और स्टूडियो है.

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