रायपुर। सरकार के शह में ही हर जगह बाबागिरी का धंधा फल-फूल रहा है. बाबा के आड़ में नेता-मंत्री राजनीतिक रोटी सेंक रहे हैं. समाज के लिए वोटबैंक की राजनीति घातक है. यह बातें आज विश्व प्रसिद्ध भागवत कथा और श्रीराम कथा वाचक चिन्मयानन्द बापू ने कही. उन्होंने आगे कहा कि आज के संत शास्त्रों से दूर होते जा रहे हैं. इसीलिए वे असली साधुता के लक्ष्य से भटक चुके हैं. बापू ने बिना नाम लिए निर्मल बाबा पर भी तंज कसा और कहा कि क्या चटनी और समोसा खाने से आप पर भगवान की कृपा बरस पड़ेगी. तथाकथित बाबा लोग समाज में फैले अशिक्षा और गरीबी का खूब फायदा उठा रहे हैं. इसे समझने की जरूरत है. बाबाओं और आकाओं के मकड़जाल जाल में शिक्षित समाज भी फंसा हुआ है. यह सबसे ज्यादा चिंतनीय है.

समाज के लिए बड़ा और ताजा जख्म राम रहीम के केस पर भी इशारे ही इशारे में बात रखी. बापू ने कहा कि कानून से बड़ा कोई नहीं है. कल तक जो राम रहीम करोड़ों लोगों को आशीर्वाद दे रहा था वह आज कानून के बदौलत ही जेल की सलाखों के पीछे रहम की भीख मांगने की मुद्रा में जेल में झाड़ू लगाकर जीवन बिता रहा है. नेता लोग स्वार्थी मानसिकता के चलते, वोटबैंक को साधने और अपना उल्लू सीधा करने बाबागिरी को बढ़ावा देते हैं. आज हमें नेताओं की नियत और तथाकथित बाबाओं की बदनीयत को समझने की महती जरूरत है.

बापू ने पाखण्ड पर कड़क रूख अपनाते हुए कहा कि रावण भी बाबा का भेष धारकर सीता का हरण किया था. त्रेतायुग में रावण ने संतत्व को कलंकित किया था. आज कलियुग में कई सफेदपोश अपराधी संत का चोला ओड़कर लोगों को ठग रहे हैं. माताओं और बहनों के सतीत्व का हरण कर रहे हैं. पाखण्ड तो हर युग में हुआ लेकिन जरूरत हर युग में जागरूकता की रही है. बापू ने बातों ही बातों में छत्तीसगढ़ की उबलती राजनीति का नब्ज ही पकड़ लिया. उन्होंने आगे कहा कि गौशालाओं के नाम पर भी अब कई गलत काम हो रहे हैं. किसी राज्य के लिए ही नहीं वरन पुरे देश के लिए यह बात बहुत पीड़ादायक है. पुरे विश्व में गाय केवल दूध देती है मगर हमारे देश में गाय दूध कम, वोट ज्यादा देती है.

जब बापू ने राजनीति पर बात रखनी शुरू की तब मानो उन्होंने राजनीति की कलई ही पकड़ लिया था. बापू चिन्मयानन्द ने राज्य के सत्ताशीन सरकार को भी चेताते हुए बोले कि छत्तीसगढ़ शांत,सुरम्य और प्राकृतिक सौन्दर्य से आच्छादित राज्य है. सरकार विकास के नाम पर इसकी प्राकृतिक सुन्दरता से खिलवाड़ न करे.