रायपुर। छत्तीसगढ़ में एनजीटी के निर्देश के बाद पटाखे फोड़ने के लिए सिर्फ दो घंटे का समय निर्धारित किया गया था. इस निर्णय का आम जनता ने भी भरपूर सहयोग किया. इसी का नतीजा रहा कि राजधानी रायपुर में औसतन इस बार दीपावली में वायु प्रदूषण पी.एम. 10 पिछले साल की तुलना में लगभग 5.89 प्रतिशत कम रहा. बिलासपुर में वायु प्रदूषण पी.एम. 10 पिछले साल की तुलना में लगभग 7.52 प्रतिशत कम और भिलाई में औसतन वायु प्रदूषण के स्तर में करीब 9.3 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई. रायपुर शहर में औसत परिवेशीय वायु गुणवत्ता (पीएम-10) अर्थात हवा में धूल के कणों की संख्या इस वर्ष 64.33 माइकोग्राम प्रतिघनमीटर रही. इसी तरह सल्फरडाई आक्साइड गैस का स्तर भी 5.30 प्रतिशत कम होकर 16.60 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर लगभग 4.7 प्रतिशत कम होकर 25.75 पाया गया.

रायपर में वायु मापन के परिणाम स्टेशन अनुसार वायु प्रदूषण पी.एम. 10 सिटी कोतवाली 71.0, एम्स हॉस्पिटल के पास 56.6 और जिला अस्पताल शंकर नगर के पास पंडरी 65.33 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर पाया गया. न्यायधानी बिलासपुर में ऑफिस बिल्डिंग व्यापार विहार में वायु प्रदूषण पी.एम. 10 की मात्रा 55.0 और ट्रेफिक थाने के पास वायु प्रदूषण पी.एम. 10 की मात्रा 68.0 माइकोग्राम प्रतिघनमीटर पाई गई.

भिलाई-दुर्ग शहर में पर्यावरण संरक्षण मंडल के विशेषज्ञों द्वारा दीपावली में की गई मॉनिटरिंग के अनुसार 5/32 बंगले भिलाई में वायु प्रदूषण पी.एम. 10 की मात्रा 55.4, सिविक सेंटर, भिलाई में वायु प्रदुषण पी.एम. 10 की मात्रा 63.8 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर और  सिटी कोतवाली दुर्ग में वायु प्रदूषण पी.एम. 10 की मात्रा 66.2 माइक्रोग्राम प्रतिघनमीटर पाई गई.

इसी तरह सल्फरडाई आक्साइड गैस का स्तर भी 25.6 प्रतिशत कम होकर 9.0 और नाइट्रोजन आक्साइड गैस का स्तर लगभग 21.2 प्रतिशत कम होकर 11.1 पाया गया. रायपुर शहर में दीपावली के दिन ध्वनि प्रदूषण में भी लगभग 3.62 प्रतिशत कमी पाई गई. इस बार रायपुर में ध्वनि की औसत तीव्रता 65.53 डेसीबल दर्ज की गई. भिलाई में इस बार दिवाली में ध्वनि की औसत तीव्रता 71.13 डेसीबल दर्ज की गई.

छत्तीसगढ़ पर्यावरण संरक्षण मंडल द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार वायु प्रदूषण और ध्वनि प्रदूषण कम होने के कारण रायपुर, बिलासपुर और भिलाई शहर के निवासियों को इस बार दीपावली की रात काफी सुकून मिला. मंडल के सदस्य सचिव आरपी. तिवारी के अनुसार मण्डल द्वारा दीपावली के मौके पर आम जनता से पटाखों का उपयोग करते समय पर्यावरण नियमों के के साथ-साथ एन.जी.टी. के निर्देशों का भी पालन करने की अपील की गई थी. प्रदूषण रहित त्यौहार मनाये जाने के संबंध में मण्डल द्वारा जगह-जगह होर्डिंग्स लगाए गये थे. एफ.एम. चैनल एवं डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से भी प्रचार-प्रसार किया गया था.