BJP Membership Campaign: लोकसभा चुनाव (lok sabha elections) में अपने दम पर बहुमत से दूर रहने और अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से निराश बीजेपी सदस्यता अभियान चला रही है। बीजेपी ने 10 करोड़ नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए हर राज्यों को टारगेट दिया गया है। हालांकि, इस सदस्यता अभियान में कई राज्यों की सुस्ती से पार्टी के लक्ष्य को झटका लगता दिख रहा है। बीजेपी अभी तक सिर्फ 4 करोड़ सदस्य ही बना पाई है। यह टारगेट का सिर्फ 40% है। पार्टी के पास पहले से 18 करोड़ सदस्य हैं।
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अब तक जो रिपोर्ट सामने आई है, उसके मुताबिक टारगेट को पूरा करने में जहां असम और मध्य प्रदेश जैसे राज्य सबसे आगे हैं। वहीं राजस्थान और बिहार जैसे बड़े राज्य फिसड्डी साबित हो रहे हैं। यह भाजपा के लिए चिंता का करण बन सकती है। वहीं राज्यों के सुस्त होने का असर कुल आंकड़ों पर भी पड़ा है।
कौन सा राज्य सुस्त और किसने पकड़ी रफ्तार?
1. देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश को नए और पुराने मिलाकर करीब 2 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट मिला हुआ है। अब तक जो रिपोर्ट मिली है, उसके मुताबिक यूपी में 1 करोड़ सदस्य नए सिरे से रजिस्टर्ड हुए है। यह टारगेट का महज 50 फीसदी है। यूपी के बीजेपी के हिंदू फायर ब्रांड नेता योगी आदित्यनाथ के देखते हुए यह काफी कहा जा रहा है।
2. बीजेपी हाईकमान ने मध्य प्रदेश को 1.5 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट दिया। वहीं मध्य प्रदेश ने अब तक एक करोड़ सदस्य बना लिए हैं। यह कुल लक्ष्य का 65 प्रतिशत है। कहा जा रहा है कि 1.5 करोड़ सदस्य पूरे होने के बाद एमपी में बीजेपी 2 करोड़ के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ेगी।
3. पूर्वोत्तर के सबसे बड़े राज्य असम को 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य मिला हुआ है। अब तक जो आंकड़े सामने आए हैं, उसके मुताबिक असम में 42 लाख सदस्य बनाए जा चुके हैं। यह कुल लक्ष्य का करीब 83% है।
4. भाजपा हाईकमान ने बिहार बीजेपी को 1 करोड़ सदस्य बनाने का टारगेट दिया है। बीजेपी नेता तो 1.5 करोड़ सदस्य बनाने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अब तक यहां करीब 30 लाख सदस्य बनाए गए हैं। बीजेपी की बिहार इकाई ने लक्ष्य का सिर्फ 30 फीसद हासिल किया है।
5. छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा हुआ है। यहां पर बीजेपी की सरकार भी है, लेकिन अब तक सिर्फ 19 लाख सदस्य बनाए गए हैं। यह कुल मिले लक्ष्य का 40 प्रतिशत है।
6. तेलंगाना में बीजेपी ने 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा था। हालांकि अब तक वहां सिर्फ 7 लाख सदस्य बनाए गए हैं। यह कुल लक्ष्य का करीब 30 प्रतिशत है। तेलंगाना विधानसभा में बीजेपी तीसरे नंबर की पार्टी है।
7. बड़े राज्यों में शुमार और राज्य सत्ता होने के बाद भी राजस्थान में सदस्यता अभियान की रफ्तार सबसे सुस्त है। यहां पर सरकार होने के बावजूद सदस्यता अभियान काफी धीमी गति से चल रही है। राजस्थान को 1 करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य मिला हुआ है, लेकिन अभी तक 25 लाख सदस्य ही बने हैं।
विधानसभा में कर्नाटक का येलाहंका सबसे आगे
बीजेपी की रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक की येलाहंका विधानसभा सदस्यता अभियान में सबसे आगे है। इस विधानसभा में करीब 1 लाख 45 लाख सदस्य बनाए गए हैं। 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीते बीजेपी उम्मीदवार को 1 लाख 41 हजार वोट मिले थे। वहीं गुजरात के राजकोट (शहर) का स्थान दूसरे नंबर पर है। राजकोट में 1 लाख 25 हजार सदस्य बनाए गए हैं। इसी तरह मध्य प्रदेश के इंदौर-1 विधानसभा सीट पर करीब 1 लाख 17 हजार सदस्य बनाए जा चुके हैं।
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