दिल्ली. कोरोना वायरस के कारण देशभर की स्थिती नहीं संभल पा रही है. वहीं अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की चीफ साइंटिस्ट का दावा चिंता बढ़ा देने वाला है. Dr. Soumya Swaminathan ने संभावना जताई है कि भारत में कोरोना संक्रमण की अभी और नई लहर आ सकती हैं. उन्होंने कहा कि महामारी से भारत के लिए अगले 6-18 महीने काफी अहम हो सकते हैं.

उन्होंने बताया कि अगर इस दौरान टीकाकरण अभियान की रफ्तार को बढ़ाकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को सुरक्षित कर लिया जाए, तो इसकी अगली लहर ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाएगी. साथ ही इस साल के अंत तक कोरोना के मामलों में कमी आनी शुरू हो जाएगी.

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संक्रमण के इस काल में वायरस में होने वाले बदलाव और नए वैरिएंट्स के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावी क्षमता जैसी कई चीजों पर भी यह निर्भर करेगा कि आगे भारत जैसे बड़ी आबादी वाले देश में कोरोना की स्थिति क्या रहेगी. ऐसी संभावना है कि 2021 तक 30% लोगों को टीका लग जाएगा. जिसके बाद कोरोना से हो रही मौतों में कमी आ सकती है.

कोरोना के विस्फोट का बताया कारण

बता दें कि देश में कई जगह कोरोना के विस्फोट का कारण बताते हुए Dr. Soumya Swaminathan ने कहा कि पहली बार भारत में मिला कोरोना वायरस का B 1.617 वैरिएंट निश्चित तौर पर ज्यादा संक्रामक है. ये ऑरिजिनल स्ट्रेन से डेढ़ से दो गुना अधिक संक्रामक हो सकता है. इसके अलावा ये ब्रिटेन में पाए गए B 117 वेरिएंट से भी ज्यादा खतरनाक हो सकता है. इससे बचने के लिए भारत को अगले 6 से 12 महीनों तक अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाना होगा और ज्यादा से ज्यादा आबादी का वैक्सीनेशन करना होगा. अगर ऐसा हुआ तभी हालात में सुधार की कोई गुंजाइश बन सकती है.

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वैसे, भारत में लगाए जा रहे कोरोना वैक्सीनों की तारीफ करते हुए Dr. Soumya Swaminathan ने कहा कि ये टीके कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ काफी प्रभावशाली है. वैसे कुछ मामलों में दोनों डोज लेनेवाले लोग भी संक्रमित हो गए हैं, लेकिन ये कोई बड़ी बात नहीं है. अच्छी बात तो यह है कि वैक्सीन की दो डोज लेने वालों की रिकवरी ज्यादा जल्दी और आसान रही है.