नई दिल्ली। सोने की कीमत कई वजहों से पिछले सात सत्रों से रिकॉर्ड बना रही है, और तोड़ रही है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत आज की तारीख में 2,364 डॉलर प्रति औंस है. बढ़ी कीमतों ने निवेशकों को आशा की नई किरण दी है. इसे भी पढ़ें : क्रिकेट के बाद विज्ञापन में भी वॉर्नर का जलवा, ‘बाहुबली’ राजमौली से कॉर्ड के बदले मांगा यह फेवर, जानिए फिर क्या हुआ…

साल-दर-साल आधार पर सोने की कीमत 16.5% अधिक है, क्योंकि निवेशक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर में कटौती की उम्मीद कर रहे हैं – जिससे मांग में वृद्धि होगी. हालाँकि, मांग में बढ़ोतरी के पीछे प्रमुख कारण चीन है, क्योंकि वह अमेरिकी डॉलर से दूर जाने का लक्ष्य बना रहा है.

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पीली धातु को केंद्रीय बैंकों के लिए एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, जो आर्थिक उथल-पुथल के समय में वित्तीय स्थिरता बनाए रख सकता है. जब ब्याज दरें कम हो जाती हैं, तो सोने की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि यह बांड जैसी आय उत्पन्न करने वाली अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए अधिक आकर्षक हो जाता है. इसे महंगाई को मात देने के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश भी कहा जाता है, क्योंकि इसकी कीमत कम नहीं होती है.

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रॉयटर्स ने बताया कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने मार्च में लगातार 17वें महीने सोना खरीदा और 160,000 औंस जोड़ा, जिससे उसका भंडार 72.74 मिलियन ट्रॉय औंस सोने तक पहुंच गया. 9 अप्रैल के कैपिटल इकोनॉमिक्स रिसर्च नोट में कहा गया है कि चीन में निवेशक सोना खरीद रहे हैं, क्योंकि हाल के वर्षों में रियल एस्टेट जैसी अन्य संपत्तियों के मूल्य में गिरावट आई है. इसके अलावा भारत और तुर्की भी अपने सोने के भंडार को बढ़ा रहे हैं.

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सोने की भारी खरीदारी से देशों की डॉलर पर निर्भरता कम हो रही है – जो दुनिया की प्रमुख मुद्राओं में से एक है और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्वपूर्ण साधन है. सीएनएन के हवाले से जेपी मॉर्गन शोध नोट में कहा गया है कि इससे आर्थिक प्रतिबंधों की भेद्यता से भी बचा जा सकेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि मांग को बढ़ाने वाले अन्य कारक में तेल की कीमतों में उछाल भी शामिल है.