रायपुर. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरण दास महंत की हसदेव जन यात्रा सातवें दिन कोरबा के रामपुर विधानसभा के गांवों से होकर गुज़री. चरणदास महंत ने कहा कि इस क्षेत्र में हाथियों ने तीन दर्जन से अधिक ग्रामीणों की जान ली है. इसके बाद भी सरकार ने सुध नहीं ली. महंत ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने जानबूझकर हाथी अभ्यारण्य (एलीफेंट रिजर्व) बनाने के प्रयास को प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि हाथी अभ्यारण्य के चिन्हित क्षेत्र में आखिर बदलाव किन कारणों से किया इसका जवाब मुख्यमंत्री को देना चाहिए.
उन्होंने यहां के गांवों में जनसभा और चौपाल को संबोधित करते हुए हाथियों और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष के मुद्दे को उठाया. महंत ने कहा कि सिर्फ रामपुर विधानसभा क्षेत्र के लगभग 96 गांव अति संवेदनशील के साथ-साथ हाथियों के उत्पात से प्रभावित हैं. इन क्षेत्रों में वर्ष- 2000 में मात्र 4 हाथी थे जो 2017 में बढ़कर 60 से अधिक हो गए हैं. हाथियों के उत्पात से हजारों एकड़ कृषि भूमि के साथ सैकड़ों मकान प्रभावित हुए हैं.
महंत ने कहा कि अभ्यारण्य प्रस्तावित क्षेत्र में कोयला खदान खोले जाने का ग्रामीण पुरजोर विरोध कर रहे हैं लेकिन सरकार ग्रामीणों की चिन्ता को छोड़कर पूंजीपतियों को जमीन देने तुली हुई है, जिसका विरोध किया जाएगा. महंत ने मांग की है कि भालुओं के हमले से सुरक्षित करने जामवंत परियोजना की ओर जल्द पहल की जाए. उन्होंने फसल क्षतिपूर्ति का स्लैब बढ़ाने और हाथी के हमले से हुए ग्रामीणों की मौत पर उनके परिजनों को वन विभाग में नौकरी देने, वनों की कटाई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
डॉ. महंत ने रामपुर क्षेत्र में बदहाल चिकित्सा व्यवस्था के लिए भाजपा सरकार और उनके मंत्रियों पर आरोप लगाया. यहां उन्होंने ग्रामीणों के साथ हाथियों और स्वास्थ्य सेवा के बारे में चर्चा भी की. इससे पहले उन्होंने कोरबा के कोसाबाड़ी स्थित सिद्ध हनुमान मंदिर में मत्था टेका. मड़वारानी में भी आदिशक्ति मां मड़वारानी देवी का दर्शन कर यात्रा के लिए रवाना हुए.