रवि गोयल,जांजगीर। बालक-बालिकाओं को सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से देश मे कई कानून बनाए गए हैं, लेकिेन जानकारी के अभाव मे इसका उपयोग जरूरतमंदो द्वारा नही किया जाता है। इसी कडी मे जेजे एक्ट-2015 तथा पॉक्सो एक्ट-2012 का भी प्रावधान है । जो किशोर और बच्चों को सुरक्षा प्रदान करता है, ऐेसे ही कानून के बारे मे जानकारी देने के लिए शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय आमनदुला में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जो की जिला बाल संरक्षण इकाई व महिला एवं बाल विकास विभाग आयोजित किया गया था। जिसमे बच्चो को जे.जे.एक्ट-2015 तथा पोक्सो एक्ट-2012 के बारे मे जानकारी दी गई।
कार्यक्रम के दौरान जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेंद्र जायसवाल ने बताया की सुरक्षा ही सम्पूर्ण बाल विकास का मूल आधार है जिसके बिना बच्चों के जीवन की दशा और दिशा अंधकारमय है.बच्चों के अधिकार व संरक्षण की जवाबदारी हम सबकी है,
वही महाराष्ट्र के महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पीएचडी शोधार्थी दीनानाथ यादव ने बताया की पॉक्सो एक्ट 2015 के संबंध में सुरक्षित स्पर्श व असुरक्षित स्पर्श जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को बच्चों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण पहल है. इस संबंध में बच्चों के साथ हो रहे प्रवेशन लैंगिक हमला,गुरुत्तर प्रवेशन,लैंगिक उत्पीड़न, अश्लील चित्रों का प्रसारण व संस्थानिक प्रक्रिया में बाल हितैषी नीतियों के संचालन के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।