रायपुर। मोदी सरकार के मनमानी के चलते आम उपभोक्ताओं को कच्चे तेल के दाम में आई गिरावट का लाभ नहीं मिल रहा है. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड आयल की कीमतों में लगभग 9 डॉलर की कमी आई है. क्रूड ऑयल की दाम घटने से देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कम से कम 10 रुपए प्रति लीटर कमी आना चाहिए. इसके बावजूद देश की जनता महंगे दरों पर डीजल-पेट्रोल खरीदने मजबूर है.

मोदी सरकार ने क्रूड आयल के कीमतों में आंशिक वृद्धि पर पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ सकते हैं, तो फिर क्रूड ऑयल के दामों में आई कमी के चलते डीजल-पेट्रोल के दाम घटाने क्यों इंतजार किया जा रहा है ? क्या अंतर्राष्ट्रीय बाजार में आई क्रूड ऑयल के कीमत में गिरावट के चलते पेट्रोल-डीजल के दामों की कमी का सेहरा अपने सिर पर बांधने इवेंट की तैयारी की जा रही है.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि अब तक लगातार पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 2014 के पहले के मुकाबले आधे दर पर है. ऐसे में आम उपभोक्ता सिर्फ मोदी सरकार के वसूली नीति के चलते महंगाई की मार झेल रही है. पेट्रोल-डीजल में लगाई गई बेतहाशा एक्साइज ड्यूटी ने देश में पेट्रोल-डीजल को महंगा करने का काम किया है.

बीते 7 साल में मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल एक्साइज ड्यूटी बना कर लगभग 25 लाख करोड़ रुपए की वसूली आम जनता से की है. बीते जून माह में ही 90 हजार करोड़ की कमाई पेट्रोल-डीजल से की गई है. महामारी की मार झेल रही जनता के ऊपर पेट्रोल-डीजल की महंगी कीमतों ने कुठाराघात किया है. पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के चलते खाद्यान्न सामग्री, दवाइयां, ट्रांसपोर्टिंग सभी के दाम बढ़ गए हैं.

देश में महंगाई प्राकृतिक रूप से नहीं, बल्कि मोदी सरकार के गलत नीतियों मुनाफाखोरी और टैक्स के जरिए जनता से वसूली की नीति के चलते बढ़ रही है. आजादी के बाद पहली बार जनता को राहत देने के बजाय केंद्र में बैठी सरकार आफत पैदा कर रही है.

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