संजीव शर्मा, कोण्डागांव। शिक्षा विभाग में भ्रष्ट्राचार के एक के बाद एक मामले सामने आ रहे है. फोटो सप्लाई के बाद अब स्काउट बच्चों के लिए की जाने वाली गणवेश सप्लाई में अनियमितता का मामला सामने आया है. दंतेश्वरी बुनकर समिति बाफना की महिलाओं ने पुलिस अधिकारी से शिकायत दर्ज कराते हुए कांकेर निवासी महिला पर धोखाधड़ी कर 20 लाख की राशि हड़पने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर अपनी जांच शुरू कर दी है.

पूरा मामला वर्ष 2019-20 का है. शिक्षा विभाग ने स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्काउट के बच्चों के लिए 10 हजार गणवेश सिलाई के लिए 50 लाख रुपए का आर्डर जारी किया था. इसके लिए विभाग ने महिला समूह को बतौर अग्रिम 20 लाख रुपए जारी किया था. महिला समूह की अध्यक्षा गंगा नेताम ने बताया कि जैसे ही विभाग ने धागा व कपड़ा खरीद लिए के लिए खाते में पैसा डाला, वैसे ही सरस उपाध्याय नाम की महिला ने फर्जीवाड़ा करते हुए समूह सदस्यों के फर्जी हस्ताक्षर व सील के जरिए रकम को अलग-अलग खातों में आरटीजीएस करा दिया.

गंगा नेताम ने बताया कि पूर्व में सरस उपाध्याय महिला समूहों को प्रशिक्षण देने का कार्य करती थी, इसलिए उनका समूह में आना-जाना होता था. उसने ही समूह की महिलाओं से कहा था कि आप लोगों को गणवेश सिलाई करना है. समूह की महिलाओं को बताया था कि कुछ कार्य आप लोग कर लेना, बाकी के कपड़े बाहर से खरीदना होगा. इसके बाद महिलाओं ने कुछ कपड़े सिलाई कर विभाग को दिये थे. महिलाओं ने बताया कि वर्कआर्डर व अग्रिम राशि का चेक उन्हे जिला शिक्षा अधिकारी के कार्यालय से नहीं, बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी के सरकारी मकान में बुलाकर देने के साथ कार्य करने को कहा गया था.

महिलाओं को नहीं थी जानकारी

शिक्षा विभाग ने मामले में दो साल बाद समूह के नाम से नोटिस जारी बतौर अग्रिम ली गई 20 लाख रुपए का जिक्र करते हुए कहा कि कपड़े दें या राशि लौटाई जाए. राशि नहीं लौटाने पर कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद महिला समूह की सदल्यों को गुमराह करने का अहसास हुआ. नोटिस मिलने के बाद समूह की महिलाओं ने थाने पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि उनकी बिना जानकारी के समूह के खाते से पैसे निकाले जा चुके हैं. ऐसी स्थिति में रकम लौटाने में असमर्थता जताई.

सवालों के घेरे में शिक्षा विभाग

दंतेश्वरी समूह को 50 लाख का कार्य बिना किसी टेंडर या कोटेशन के कैसे दे दिया गया, इस पर एक बड़ा सवालिया निशान है, जबकि समूह की महिलाओं का कहना है कि उनके पास जीएसटी नंबर भी नहीं है. सरस उपाध्याय ने उनसे कहा था कि काम लाई हूं, आपको करना है. इस पर हमने अपनी सहमति दे दी. वैसे भी पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी राजेश मिश्रा फोटो खरीदी मामले में पहले से ही फरार चल रहे हैं. इसके ऊपर से अब यह महिला समूह को रकम की लेन-देन के मामले में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है.

महज 150 गणवेशों की आपूर्ति की

बताया गया कि जैसे ही महिला समूह को शिक्षा विभाग से नोटिस से जारी हुआ, वैसे ही सरस उपाध्याय ने हरियाणा के किसी फर्म से कपड़े छोड दिए हैं. जबकी कायदे से यह कार्य महिला समूह को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के उद्धेश्य से दिया गया था, न कि बाहरी फर्म से कार्य लेना था. बताया जा रहा है कि मामला खुलने के बाद मात्र 150 गणवेश की सिलाई गई, बाकी कुछ हरियाणा के फर्म से लाकर डाल दी गई है.

क्या कहते हैं जिम्मेदार…

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी अशोक पटेल कहते हैं कि मामला मेरे आने से पहले का है. जैसे ही मेरे संज्ञान में मामला आया है कि दो वर्ष पूर्व दिए गए आर्डर पर अब तक समूह ने कपड़े नहीं दिए है. इस पर विभाग ने समूह को नोटिस जारी किया है. टेण्डर, निविदा नहीं किया गया है. एक स्टाम्प मेे सपथ लेकर कार्य दिया गया है. वहीं
कोण्डागांव थाना प्रभारी भीमसेन यादव ने बताया कि हमारे पास समूह की महिलाएं शिकायत लेकर पहुंची थी. महिलाओं का कहना है कि इनके साथ कांकेर से सरस उपाध्याय नामक महिला ने धोखाधड़ी की है, जिसकी हर पहलु की पुलिस जांच कर रही है.

पढ़िए ताजातरीन खबरें…

इसे भी पढ़ें :