रायपुर। विश्व तंबाकू निषेध दिवस इस वर्ष कमिट टू क्विट टोबैको थीम पर मनाया जाएगा. हर वर्ष 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है. इस अवसर पर तंबाकू के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों और स्वास्थ्य जोखिम के बारे में लोगों के मन में जागरूकता लाई जाएगी. तंबाकू निषेध दिवस के दिन जीवन में कभी भी किसी भी प्रकार के तंबाकू उत्पादों का सेवन नहीं करने और अपने परिजनों या परिचितों को भी तंबाकू उत्पादों और किसी भी नशें का सेवन नहीं करने के लिए प्रेरित करने की शपथ ली जाएगी.

हर साल 12.80 लाख लोगों की मौत 

तंबाकू का सेवन कितना खतरनाक है. इस बात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि तंबाकू के धूएं में 7000 प्रकार के केमिकल होते हैं. 250 तरह के केमिकल कैंसर का कारण बनते हैं. इसके सेवन से 12.80 लाख लोगों की मौत हर साल होती है. तंबाकू के सेवन से से न केवल कैंसर, ह्रदयरोग, स्ट्रोक, फेफड़ों से सम्बंधित, क्रोनिक पल्मोनरी डिजीज जैसी गंभीर बीमारियां होती हैं, बल्कि वर्तमान में दुनिया भर में फैली कोविड-19 जैसी महामारी से गंभीर रूप से संक्रमित होने और मौत को खतरा भी अधिक है.

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राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम

छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का बेहतर संचालन, सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा, 2003 राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन तम्बाकू उत्पादों के सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाया जा रहा है. सिगरेट, अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा, 2003 के प्रावधानों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए समस्त जिलों में संचालित किया जा रहा है.

24 जिलों में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक जिसमें 13513 ओ.पी.डी. की गई. लगभग 1200 व्यक्तियों ने तम्बाकू का सेवन छोड़ा है. साथ ही राज्य के 6 दन्त-चिकित्सा महाविद्यालयों में भी तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है. तंबाकू के सेवन से पीड़ित व्यक्तियों की जांच और तम्बाकू छोड़ने के संबंध में परामर्श, इलाज के लिए तम्बाकू नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना 24 जिलों में की गई है.

चलानी कार्रवाई कर जुर्माना भी वसूला गया

अप्रैल 2020 से मार्च 2021 के मध्य 141 फोकल ग्रुप डिसकशन किया गया है. साथ ही तम्बाकू उत्पादों के सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने और कोटपा की जानकारी देने के लिए स्कूल हेल्थ प्रोग्राम भी किया गया है. लॉकडाउन के चलते इस वर्ष 1581 शैक्षणिक संस्थानों में स्कूल हेल्थ प्रोग्राम किया गया. 2400 शैक्षणिक संस्थानों में यलो लाइन कैमपेन किया गया है. इसी अवधि में सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम कोटपा, 2003 के प्रावधानों के उल्लंघन पर विधिक एवं चालानी कार्यवाही समस्त जिलों में कुल 1115 चालान किये गए. जिलों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 111200 रूपये वसूल किये गए.

मास्टर ट्रेनर के रूप दिया गया प्रशिक्षण

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम को मजबूती प्रदान किये जाने के लिए राज्य में “ब्लूमबर्ग पहल’ प्रस्ताव पर कार्य किया जा रहा है. द यूनियन संस्था के समन्वय से 16 दिसम्बर 2020 के एफसीटीसी 5.3 के संबंध में आईएमए और आईडीए के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया. राष्ट्रीय तम्बाकू कार्यक्रम अंतर्गत अन्तर्विभागीय प्रशिक्षण कार्यक्रम 05, 17 और 24 फरवरी 2021 को क्रमशः सरगुजा, बस्तर एवं बलौदा बाजार में आयोजित किया गया. जिसमें मास्टर ट्रेनर के रूप प्रशिक्षण प्रदान किया गया.

तंबाकू छोड़ने के फायदे

20 मिनट बाद ही बड़ी हुई धड़कने और बीपी सामान्य होने लगती है. 12 घंटे में रक्त में बड़ी कार्बन मोनो आक्साइड का स्तर घटने लगता है. 48 घंटे में मुंह का टेस्ट और सूंघने की क्षमता बेहतर होने लगती है. 2 सप्ताह 3 माह में हार्ट अटैक का खतरा कम होने लगता हैं. ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है. फेफड़ों की कार्यप्रणाली बेहतर होने लगती है. एक से 9 माह में शॉर्टनेश ऑफ ब्रीद घटती हैं. सांस का फूलना कम होता है. एक साल में ही हृदय की धमनियों से जुड़ा खतरा आधा हो जाता है.

2016-17 में आई थी कमी

ग्लोबल एडल्ट सर्वे 2016-17 में राज्य में 39.1 प्रतिशत व्यक्ति किसी भी रूप में तम्बाकू उत्पादों का सेवन करने व्यक्तियों का सेवन कर रहे थे. भारत सरकार द्वारा यह सर्वे हर 5 वर्ष में कराया जाता है. 2009-10 में प्रथम चरण में हुए सर्वे की तुलना में 2016-17 द्वितीय चरण हुए सर्वे में 14.1 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई.

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