रायपुर- विश्व युवा कौशल दिवस के मौके पर राजधानी के इंडोर स्टेडियम में आयोजित छत्तीसगढ़ कौशल ओलंपियाड में शामिल हुए मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- कौशल उन्नयन के क्षेत्र में देश के किसी राज्य में सबसे बड़ा, सबसे व्यवस्थित काम कहीं चल रहा है, तो वह छत्तीसगढ़ है. कौशल उन्नयन की दिशा में छत्तीसगढ़ के युवा देश के युवाओं के सामने एक मिसाल बन रहे हैं. आज देश में 12 फीसदी से ज्यादा स्कील्ड लोगों को तैयार करने का काम छत्तीसगढ़ ने किया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच थी कि कौशल उन्नयन को सबसे निचले स्तर तक क्रियान्वित किया जाए. छत्तीसगढ़ ने इतिहास रचा और राज्य के युवाओं को कौशल का कानूनी अधिकार मिले, इसलिए देश का पहला कौशल उन्नयन कानून बनाया.
डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि- मुझे याद है कि जब 2014 में दंतेवाड़ा में लाइवलीहुड काॅलेज की स्थापना की गई थी, तब छत्तीसगढ़ विधानसभा में इसे लेकर मुझसे प्रश्न पूछा गया था. मैंने कहा था कि दुनिया के जितने देश उन्नत हैं. उनके उन्नत होने के पीछे स्कील्ड लोगों का बड़ा हाथ हैं. आज जापाना, चाइना जैसे देशों में 80 से 90 फीसदी लोग स्कील्ड हैं. उन देशों में लोगों की स्कील डेवलपमेंट किए जाने की व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया. हर व्यक्ति के भीतर एक शक्ति होती है, स्कील होता है. उसे विकसित किए जाने का काम किया गया. आज छत्तीसगढ़ में भी 1300 से ज्यादा सेंटर के जरिए लोगों के हुनर को पहचान कर उन्हें स्कील्ड किए जाने की दिशा में काम चल रहा है. अब तक साढ़े चार लाख स्कील्ड मैनपावर तैयार हो चुका है, इनमें से दो लाख से ज्यादा लोगों का प्लेसमेंट हो चुका है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों मैं जशपुर गया था, वहां कलेक्टरेट में उन बेटियों से बात की, जो आज बैंगलुरू, दिल्ली, मुंबई जैसे कई बड़े शहरों में जाकर सफलतापूर्वक काम कर रही हैं. हाल ही में दिल्ली प्रवास के दौरान एक फाइव स्टार होटल में स्कील डेवलपमेंट को लेकर चल रहे आयोजन में जशपुर की दो बेटियां मिली. उन्हें देखकर बेहद खुशी हुई. डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि पहले लोग मजदूरी करने बाहर जाते थे, लेकिन आज स्कील्ड होकर बेहतर जीवनयापन के लिए छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे राज्यों की ओर रूख कर रहे हैं. आज देश में स्कील्ड लोगों की डिमांड है.

जेल में बंद कैदियों को भी किया जा रहा स्कील्ड

मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह ने कहा कि राज्य की जेलों में बंद कैदियों को भी जेल से बाहर निकलने के बाद बेहतर रोजगार मिल सके, लिहाजा हमने तय किया है कि कैदियों को भी जेल के भीतर स्कील्ड किया जाए. कैदियों को उनके हुनर के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जा सके, जिससे बाहर आने के बाद उनका जीवन बेहतर हो सके. इसके अलावा जिन बच्चों ने पढ़ाई छोड़ दी है. उन बच्चों को भी प्रशिक्षण दिए जाने की व्यवस्था की गई है. उनके जीवन में नया अवसर लाया जा सके, इसलिए उन्हें स्कील्ड किया जा रहा है. पहले राज्य में टायर ट्यूब का पंचर बनाने वाले भी बिहार से आया करते थे, लेकिन आज बच्चों ने आटोमोबाइल सेक्टर समेत कई ट्रेड में काम सीखा है. अच्छे मैकेनिग बन रहे हैं, प्लंबर बन रहे हैं. सीपेट से 2000 से ज्यादा बच्चों ने ट्रेनिंग पूरी कर ली है. इनमें से 70 फीसदी बच्चों का प्लेसमेंट हो चुका है. कौशल उन्नयन पर हम राज्य के बजट से ही हर साल 160 करोड़ रूपए खर्च कर रहे हैं.

पहले नैसर्गिंक ज्ञान को सामने लाने कोई फोरम नहीं था- प्रेमप्रकाश पांडेय

कार्यक्रम के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि- पहले देश में नैसर्गिक ज्ञान को सामने लाने का कोई फोरम नहीं था. मुख्यमंत्री डाॅ.रमन सिंह की पहल के बाद देशभर में छत्तीसगढ़ पहला औऱ पूरी दुनिया में दूसरा ऐसा राज्य बना, जिसने कौशल उन्नयन को कानूनी अधिकार दिया. 2013 में कानून बनने के बाद से लेकर अब तक दो लाख से ज्यादा लोगों को स्कील्ड बनाने के बाद उन्हें रोजगार मिल चुका है. प्रेमप्रकाश पांडेय ने कहा कि अंग्रेजों के आने के बाद एक जमाना आया जब लोगों ने डिग्री दो और नौकरी से जोड़ो का काम शुरू किया. जबकि यह हमारे देश की परंपरा नहीं थी. हमारे यहां ज्ञान अलग था. शायद इसलिए हमारे देश में रोजगार की कमी नहीं थी. हमारे भीतर का सारा हुनर बचपन से मिला था.