बीडी शर्मा, दमोह। मध्य प्रदेश को कुपोषण से मुक्त करने के लिए सरकार ने बच्चों को मुफ्त में पौष्टिक आहार देने की योजना शुरू की है। लेकिन उनके भ्रष्टाचार कहें या लापरवाही, उन तक अच्छा भोजन नहीं पहुंच पा रहा है। दरअसल, दमोह में मध्यान भोजन के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार और मनमानी का एक और मामला सामने आया है।
जनपद तेंदूखेड़ा की माध्यमिक शाला सुनवाही उमरिया में बच्चों को जो भोजन परोसा गया उसमें कीड़े पड़े हुए थे। शिकायत सामने आने के बाद कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के निर्देश पर जनपद पंचायत सीईओ मनीष बागरी के नेतृत्व में जांच करने पहुंची टीम को कई खामियां सामने आई है। टीम को खाद्य सामग्री में कीड़े होने के साथ मीनू अनुसार और तय मात्रा में बच्चों को भोजन न दिया जाना स्पष्ट हुआ है।
इस आधार पर स्कूल में मिड डे मील का कार्य देखने वाले पवित्र स्व सहायता समूह पर तत्काल प्रतिबंध लगाते हुए आगामी कार्यवाही तक एक अन्य समूह को मध्यान भोजन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। अधिकारियों के अनुसार जो कमियां और लापरवाही सामने आई है उसपर कार्यवाही की जाएगी और साथ ही कम भोजन दिए जाने के आधार पर समूह से वसूली कार्यवाही भी की जाएगी।
जहरीला खाना खाने से 15 लोगों की बिगड़ी थी शिकायत
गुरुवार को दमोह के बेलखेड़ी में जहरीला खाना खाने से एक परिवार के 10 से अधिक लोग बीमार हो गए। बिगड़ती हालत के चलते सभी को पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पटेरा ले जाया गया, जहां से सभी को जिला अस्पताल रेफर किया गया है। बीमार हुए लोगों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल है। बताया जा रहा है कि इन सभी ने भोजन में कोदई की रोटी और चने की भाजी खाई थी, जिसके बाद इनकी हालत बिगड़ने लगी। हालातों के चलते जिला अस्पताल में स्वास्थ्य अमला बीमारों के इलाज में जुट गया। इस मामले में परिजनों ने समय पर एंबुलेंस न आने के आरोप भी लगाए थे।
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