रायपुर। देशभर में एक तरफ कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने रफ्तार पकड़ ली है, वहीं दूसरी ओर कई राज्यों से कोरोना वैक्सीन की डोज खत्म होने के कगार पर, ऑक्सीजन की सप्लाई प्रभावित हो रही है, और उपचार के लिए जरूरी रेमडेसिविर इंजेक्शन की किल्लत की खबर आने लगी है. हालात यह है कि महाराष्ट्र ने अपने कई टीकाकरण केंद्रों को बंद कर दिया है, अस्पतालों में बिना ऑक्सीजन के लोगों की जान जा रही है, वहीं इंजेक्शन के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है.

कोरोना से बचाव के लिए कई अहम चीजें भी शामिल है. इसमें मास्क और दो गज की दूरी की जिम्मेदारी तो व्यक्ति अपने स्तर पर निभा रहा है, लेकिन इसके बाद किसी वजह से वह वायरस की चपेट में आ गया तो उसके बाद की जिम्मेदारी को निभाने के लिए लगता है केंद्र और राज्य की सरकारें पूरी तरह से तैयार नहीं है.

वैक्सिनेशन सेंटर से बैरंग लौट रहे लोग

कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में वैक्सीन की गंभीर किल्लत सामने आ रही है. वैक्सीन नहीं होने की वजह से मुंबई के 120 कोविंड सेंटर में से 51 बंद कर दिए गए हैं. पुणे में भी टीके की कमी के चलते 109 टीकाकरण केद्रों को बंदकर दिया गया है, पंनवेल और सातारा में कई टीकाकरण केंद्र बंद हो गए है. हालात यह है कि वैक्सिनेशन सेंटर में दूसरी बार वैक्सिनेशन के लिए आ रहे लोगों को वापस लौटाया जा रहा है.

अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत

मध्यप्रदेश में भी हालात अच्छे नहीं है, जहां ऑक्सीजन की कमी के चलते हुए बीते सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में चार और खरगोन में एक कोरोना संक्रमित की मौत हो गई. दरअसल, इन अस्पतालों में गुजरात से लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई होती है, जिसके बंद होने की वजह से मध्यप्रदेश में ऑक्सीजन की कमी हो गई है.

दुकानों में रेमडेसीविर इंजेक्शन का संकट

इंदौर में रेमडेसीविर इंजेक्शन की भारी कमी हो गई है. दवा बाजार की दुकानों में लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं, और कई लोगों को खाली हाथ लौटना पड रहा है. रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को लेकर स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट को कहना पड़ा रहा है कि जो व्यापारी कालाबाजारी करेगा, उसके खिलाफ रासुका की कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार इंजेक्शन की पूर्ति के लिए प्रयास कर रही है. जल्द ही किल्लत दूर होगी. इंदौर सहित एमपी के कई जिलों में इंजेक्शन की किल्लत महसूस की जा रही है.