रायपुर. सनातन धर्म में देवियों को अलग-अलग रूपों और नामों से पूजा जाता है. उन्हीं देवियों में से एक देवी, मां लक्ष्मी है. धन की देवी मानी जाने वाली मां लक्ष्मी को भक्तगण अपनी मनोकामना के अनुसार अलग-अलग स्वरूपों में पूजते हैं, जैसे गज लक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और वैभव लक्ष्मी. आज शुक्रवार है और आज का दिन मां लक्ष्मी को ही समर्पित होता है. ज्योतिषियों के अनुसार शुक्रवार के दिन पूरे विधि-विधान से मां वैभव लक्ष्मी की पूजा और व्रत करने से धन, शिक्षा, व्यापार आदि से जुड़ी सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है, लेकिन इस व्रत में कुछ खास नियमों का ध्यान रखने से ही इस व्रत का पूरा लाभ मिलता है.

वैभव लक्ष्मी का व्रत पूरी श्रद्धा और भक्ति भाव से करना चाहिए. बेमन से किए गए व्रत को पूर्ण नहीं माना जाता. इसके अलावा व्रत के समय मन में जैसी भावना आती है, फल भी उसी के अनुसार प्राप्त होता है. वैभव लक्ष्मी का व्रत शुरू करने वाले व्यक्ति को व्रत शुरू करने से पहले 11 या 21 शुक्रवार तक मां वैभव लक्ष्मी के व्रत का संकल्प लेना चाहिए और उसे पूरा भी करना चाहिए.

वैभव लक्ष्मी व्रत के व्रत के दौरान श्री यंत्र की पूजा को भी काफी फलदायक माना गया है. श्री यंत्र को माता लक्ष्मी की मूर्ति या तस्वीर के आगे स्थापित करना चाहिए और श्री यंत्र की पूजा करने के बाद ही वैभव लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए. इसके बाद माता की तस्वीर के सामने एक मुट्ठी चावलों का ढेर लगाकर उस पर पानी से भरे एक कलश की स्थापना करें और इस कलश पर एक कटोरी रखकर उसमें किसी सोने या चांदी का आभूषण रख दें. पूजा के दौरान, मां वैभव लक्ष्मी को लाल वस्त्र, लाल फूल, लाल चंदन और गंधक अर्पित करें. ये सभी चीजें मां को अत्यधिक प्रिय हैं. इस व्रत में मां वैभव लक्ष्मी को सफेद मीठी चीजों का भोग लगाया जाता है. इसके लिए घर में ही गाय के दूध से बनी खीर सबसे अच्छी मानी जाती है. इसके अलावा किसी अन्य सफेद मिठाई का भोग भी लगाया जा सकता है.