संदीप भम्मरकर, भोपाल। मध्यप्रदेश में योग आयोग (yoga commission) का गठन किया जाएगा। सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने हरिद्वार में इसका ऐलान  किया है। मुख्यमंत्री शिवराज शान्तिकुंज स्वर्ण जयन्ती (Shantikunj Golden Jubilee) वर्ष व्याख्यान माला में शामिल होने गुरुवार को उत्ताराखंड के हरिद्वार पहुंचे। 

देव संस्कृति विश्वविद्यालय (Dev Sanskriti University) हरिद्वार के मृत्युंजय सभागार में परम पूज्य गुरुदेव का जीवन दर्शन पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है कि यहां पुनः आने का मौका मिला। मैं मध्यप्रदेश का मामा हूं तो आपका भी मामा हूं। एक मामा होता है, जो मां का भाई हो और एक मामा वो जिसके मन में दो-दो मामाओं का प्रेम हो।

इसे भी पढ़ेः MP में न्यूज छापने से नाराज बदमाशों ने कथित पत्रकार को अर्धनग्न कर बीच सड़क पर सरिया से पीटा, निकाला जुलूस, VIDEO बनाकर किया वायरल

हम उस परंपरा से आते हैं हजारों साल से ‘वसुधैव कुटुम्बकम’

सीएम ने कहा कि गुरु के घर में मैं मेहमान कैसे हो सकता हूं। मैं इस विराट परिवार का सदस्य हूं। मैं जो कुछ अच्छा कर पा रहा हूं, वह पूज्य गुरुदेव की कृपा से कर पा रहा हूं। जब पश्चिम के देशों मन सभ्यता का सूरज नहीं हुआ था तब हमारे यहां वेदों की ऋचाएं रची जा रहीं थी। साकार को मानो तो ठीक, निराकार को मानो तो भी ठीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने कभी विचारधारा कभी थोपी नहीं। सच एक है विद्वान अलग-अलग तरह से कहते हैं। हम उस परंपरा से आते हैं हजारों साल पहले इस धरती ने कहा वसुधैव कुटुम्बकम। इस धरती को प्रणाम। यहाँ के ऋषियों को प्रणाम।

इसे भी पढ़ेः BIG BREAKING: पंचायत चुनाव का मामला कोर्ट पहुंचा, ग्वालियर हाईकोर्ट बेंच ने सरकार से 4 हफ्ते में मांगा जवाब, दूसरी याचिका पर 4 दिसंबर को सुनवाई

मैंने कभी नहीं सोचा था की राजनीति में काम करूंगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुदेव के जीवन को देखो। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, क्रांतिकारी, समाजसुधारक, विद्वान थे। कई बार गुरुदेव जेल गए आज़ादी की लड़ाई में वो चाहते थे। आजादी के बाद राष्ट्र का नव पुनर्निर्माण हो।अखंड ज्योति मैंने पढी तो एक शब्द मुझे मंत्र लगा। गुरुदेव के मुझे होशंगाबाद में दर्शन करने सौभाग्य मिला।गुरुदेव का मुझे तिलक लगाते हुए स्पर्श, उनकी आंखें, मुझे सदैव याद रहती है, वह क्षण मेरा जीवन बदलने वाला क्षण था।मैंने कभी नहीं सोचा था की राजनीति में काम करूंगा। लेकिन यह भी जानता था कि अधिकार होंगे तो ज्यादा सेवा के काम कर पाऊंगा।अन्याय के खिलाफ जब मैंने पदयात्रा शुरू की तो दो लोग थे, जब खत्म हुई तो मेरे साथ साढ़े सात हजार लोग इकट्ठा हो गए।

इसे भी पढ़ेः BIG NEWS: कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार ने वीर सावरकर की तारीफ की, तीन साल से बंद सावरकर सरोवर का खुलवाया ताला, पार्टी के अंदर विरोध शुरू