आजकल Cold Drink का ट्रेंड काफी बढ़ गया है. घर, ऑफिस हो या  पार्टी, हर जगह लोगों को Cold Drink पीते हुए देखा जा सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कोल्ड ड्रिंक्स सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होते हैं. अगर बात की जाए बच्चों की, उन्हें कोल्ड ड्रिंक्स बिल्कुल पीने को नहीं देनी चाहिए. क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा अधिक होती है, इससे बच्चों की सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है.

Cold Drink पीने से बच्चों में ब्लड शुगर बढ़ सकता है, साथ ही यह मोटापे का कारण भी बन सकता है. तो जानते हैं बच्चों को कोल्ड ड्रिंक्स पीने के कौन-कौन से नुकसान हो सकते हैं. Read More – CG में विदेश से लाया दुल्हनिया : युवक ने फिलीपींस की लड़की से रचाई शादी, एक ही कंपनी में काम करते हुआ था प्यार …

दांतों में सड़न

Cold Drink दांतों की सड़न की वजह बनता है. कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड और कार्बोनिक एसिड होता है. जो दांतो सुरक्षा परत यानी इनेमल को नुकसान पहुँचता है. इससे दांतों में सेंसिटिव और कैविटी जैसी समस्या भी हो सकती है.

भूख ना लगना

सॉफ्ट ड्रिंक बच्‍चों में भूख को कम करता है जिससे उनके शरीर में न्‍यूट्रिशन की कमी होती है और उनकी इम्‍यूनिटी कम हो सकती है.

शुगर की प्रॉब्लम

कोल्ड ड्रिंक में बहुत ज्यादा मात्रा में शुगर पाया जाता है और इसका लगातार सेवन करना बच्चों में मधुमेह की समस्या हो सकती है. Cold Drink Body में शुगर को तुरंत स्पाइक कर देती है, जिससे इन्सुलिन तेजी से रिलीज होता है. ऐसे में अगर आप इंसुलिन हार्मोन को बार बार डिस्टर्ब करेंगे तो इससे नुकसान होगा. Read More – देश की पहली इलेक्ट्रिक कार पेश, जानें एक किलोमीटर पर कितना खर्च आएगा …

बचपन में मोटापा की वजह

सोडा में शून्‍य कैलोरी और भरपूर चीनी होता है जो बचपन में मोटापा बढ़ाने का कारण होता है. यही कारण है कि आजकल छोटे बच्चों में मोटापा की समस्या बहुत ज्यादा देखने को मिलती है, क्योंकि आजकल बच्चों की बर्थडे पार्टी हो या कोई फैमिली पार्टी उसमें Cold Drink रखा ही जाता है और बच्चे इसे बड़े चाव से पी लेते हैं. इन्ही सब कारण की वजह से बच्चों में मोटापा बहुत ज्यादा बढ़ने लगता है.

बिहेवियर प्रॉब्‍लम

कई रिसर्च में पाया गया है कि जो बच्‍चे कम उम्र से सोडा या सॉफ्ट ड्रिंक पीने लगते हैं उनमें एग्रेशन ज्यादा देखने को मिलता है. उनमें बिहेवियर और इमोशनल प्रॉब्‍लम की समस्‍या रहती है. इसके अलावा डिप्रेशन, गुस्‍सा और सुसाइडल टेंडेंसी भी अधिक होती है.