जगदलपुर-मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मुरिया समाज की तारीफ करते हुए कहा कि यह समाज शिक्षा के साथ ही सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रयास के माध्यम से हमारे बेटे-बेटियां न केवल मेडिकल कॉलेज में जा रही हैं, इंजीनियरिंग कॉलेज में जा रही हैं. आईआईएम, आईआईटी जैसी संस्थानों में जा रहे हैं. डिप्टी कलेक्टर बन रहे हैं और आने वाले समय में यही प्रयास सफल होगा, जब बस्तर के बच्चे ही यहां कलेक्टर और एसपी बनकर यहां सेवा देंगे. शिक्षा का स्तर, गुणवत्ता कैसे बढ़े, इसके लिए सरकार लगातार कार्य कर रही.सीएम डॉ रमन सिंह आज जिला मुख्यालय जगदलपुर के धरमपुरा में निर्मित मुरिया समाज के सामाजिक भवन ‘मुरिया सदन‘ के लोकार्पण के पश्चात आयोजित समारोह को सम्बोधित कर रहे थे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि ने मुरिया सदन की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में ऐसा शानदार सामाजिक भवन नहीं देखा. उन्होंने इसके लिए मुरिया समाज की संगठन क्षमता और जागृति की तारीफ की. उन्होंने कहा कि 45 लाख रुपए की लागत से निर्मित इस भवन के लिए बस्तर विकास प्राधिकरण से 15 लाख रुपए, सांसद निधि से 10 लाख रुपए एवं विधायक निधि से पांच लाख रुपए प्रदान किया गया था. समाज द्वारा इस भवन के निर्माण के लिए 15 लाख रुपए इकट्ठा करना समाज की एकजुटता और जागरुकता को बताता है.

बस्तर में विकास की नई इबारत लिखेगा नगरनार स्टील प्लांट

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आने वाले समय में बस्तर में स्थापित हो रहा नगरनार स्टील प्लांट बस्तर के विकास की नई इबातर लिखेगा. उन्होंने कहा कि नगरनार भविष्य का भिलाई है. भिलाई आठ सौ की आबादी वाला एक गांव था, जिसकी गिनती आज देश के बड़े शहरों में होती है. यही नगरनार आने वाले दस साल बाद भिलाई की तरह पूरा शहर बन जाएगा. कई उद्योग यहां स्थापित होंगे, जिससे विकास की रफ्तार बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, कनेक्टिविटी आदि सेक्टरों में योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री स्वयं बस्तर के विकास को प्राथमिकता देते हैं. बस्तर को रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. भानुप्रतापपुर तक रेल सेवा प्रारंभ हो चुकी है और अब कोण्डागांव होते हुए जगदलपुर को रेलमार्ग से जोड़ने का कार्य भी तेजी से चल रहा है. उन्होंने कहा कि बस्तर को रेलमार्ग के साथ-साथ टेलीकॉम कनेक्टिविटी से भी जोड़ा जा रहा है, इसके साथ ही शासन द्वारा महिलाओं को स्मार्ट फोन भी दिया जाएगा. बस्तर के 14 वर्षोें के विकास का सफर यहां की जनता के आशीर्वाद से ही संभव हुआ है.

हितग्राहियों को मिली कई सौगात

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर 1000 महिलाओं को साइकिल वितरित कर उन्हें शुभकामनाएं दी और कहा कि इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. समारोह में मुख्यमंत्री ने 1529 हितग्राहियों को 58 लाख 12 हजार रूपए से अधिक के हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण किया. उन्होंने श्रम विभाग की योजना में 50 महिलाओं को सिलाई मशीन, एक सौ श्रमिकों को औजार के साथ ही दो श्रमिकों परिवारों को विवाह सहायता योजना के तहत 15-15 हजार रुपए तथा विश्वकर्मा मृत्यु दुर्घटना सहायता योजना के तहत एक हितग्राही को एक लाख रुपए की सहायता राशि प्रदान की. वन विभाग की लघु वनोपज उत्कृष्टता सम्मान योजना के तहत बजावंड के प्रबंधक फरसुराम बघेल, बकावंड के पोषक अधिकारी बी.डी. मानिकपुरी को 12-12 हजार रुपए, बजावंड की फड़मुंशी भागेश्वरी देवांगन, घोटिया के सोमारु सेठी तथा बजावंड के दुर्योधन कश्यप को 5-5 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि, कृषि विभाग द्वारा कृषि यांत्रिकीकरण सबमिशन तथा विशेष केन्द्रीय सहायता योजना के तहत 3 हितग्राहियों को पेडी ट्रांसप्लांटर, 2 हितग्राहियों को रीपर, 23 हितग्राहियों को पावर स्प्रेयर एवं 10 हितग्राहियों को 3-3 एच.पी. के विद्युत पम्प का वितरण किया गया. जिला पंचायत द्वारा इस अवसर पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 52 माईक्रो एटीएम, लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड के 49 हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टा एवं मत्स्यपालन विभाग के माध्यम से 224 हितग्राहियों को फिंगरलिंग कलेक्शन गिलनेट का वितरण किया गया. उन्होंने इस अवसर पर विशेष कोचिंग संस्थान में अध्ययन कर मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया.

जगदलपुर में आयोजित इस कार्यक्रम के मौके पर आदिम जाति कल्याण मंत्री केदार कश्यप, वन मंत्री महेश गागड़ा, सांसद दिनेश कश्यप, जगदलपुर विधायक संतोष बाफना, युवा आयोग के अध्यक्ष कमलचंद भंजदेव, वन विकास निगम के अध्यक्ष श्रीनिवास राव मद्दी, जिला पंचायत अध्यक्ष जबिता मंडावी, जगदलपुर नगर निगम के सभापति शेषनारायण तिवारी, मुरिया समाज के अध्यक्ष मुरलीधर बघेल, बैदूराम कश्यप, लच्छूराम कश्यप, डॉ. सुभाऊ कश्यप, किरणदेव, बड़ी संख्या में मुरिया समाज के लोग तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे.