नई दिल्ली. समुद्र के प्रति लोगों का एक खास आकर्षण होता है. लेकिन ऐसा लगता है कि जो लोग तटीय इलाकों में रहते हैं, उन्हें समुद्र की नौकरी में दिचलस्पी कम है. इसके विपरीत उत्तरी राज्यों के युवाओं में समुद्र के प्रति आकर्षण ज्यादा है. यही कारण है कि नौसेना में 70-80 फीसदी जवान उत्तरी राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा पंजाब तथा राजस्थान के हैं. नौ तटीय राज्यों तथा चार केंद्र शासित प्रदेशों की हिस्सेदारी नौसेना में बेहद कम है.

रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में 70-80 फीसदी तक नौसैनिक गैर तटीय क्षेत्रों से आ रहे हैं. केरल समेत अन्य तटीय राज्यों से नौसेना में आने वाले जवानों की संख्या कम है. नौसेना का मानना है कि चूंकि नौसेना की तैनाती समुद्र और तटीय इलाकों में ही रहती है, इसलिए तटीय राज्यों के नौजवानों की दिलचस्पी इसमें कम रहती है.

दूसरी तरफ नौसेना में उत्तरी राज्यों के नौजवानों का समुद्र के प्रति रुझान बना हुआ है. समुद्र का आकर्षण उन्हें नौसेना में खींच रहा है. यही कारण है कि इन राज्यों के युवाओं की हिस्सेदारी नौसैनिकों में 80 फीसदी तक पहुंच रही है. सूत्रों के अनुसार, नई भर्तियों में भी यह रुझान बना हुआ है.

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7500 किलोमीटर लंबी है तटीय रेखा

बता दें कि भारत की तटीय रेखा 7500 किमी लंबी है. तटीय राज्यों में नौ बड़े राज्य गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा तथा पश्चिम बंगाल शामिल हैं. जबकि चार केंद्र शासित प्रदेश अंडमान निकोबार, लक्षद्वीप, पांडिचेरी तथा दमन दीव हैं. इन राज्यों की आबादी करीब 44 करोड़ है. इनमें से 35 करोड़ आबाद एकदम तटीय क्षेत्रों में रहती है.

नौसेना

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इस समय नौसेना में स्वीकृत नौसैनिकों की संख्या करीब 75 हजार है जिनमें से 64 हजार अभी तैनात हैं. करीब 15 फीसदी पद खाली हैं. इन्हें भी भरने की कवायद चल रही है. हालांकि, अब नई भर्ती अग्निवीरों के रूप में हो रही है.

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