स्पोर्ट्स डेस्क– सेंचुरियन टी-20 मैच में टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा। जहां टीम इंडिया पर क्लासेन और कप्तान जेपी ड्यूमिनी की बल्लेबाजी भारी पड़ी। हैनरिक क्लासेन ने 30 गेंद में ही 69 रन ठोक दिए। अपनी पारी में चौके तो 3 लगाए। लेकिन सिक्सर 7 उड़ाए। तो वहीं उनके साथ दूसरी छोर से जेपी ड्यूमिनी ने कप्तानी पारी खेलते हुए अपनी टीम को मैच जिताकर ले गए। कप्तान ड्यूमिनी ने नाबाद 64 रन की पारी खेली। दोनों ही बल्लेबाजों ने सूझबूझ के साथ तूफानी पारी खेली। जिसका नतीजा ये रहा कि टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा।

महंगे साबित हुए युजवेंन्द्र चहल
वनडे सीरीज में अगर टीम इंडिया ने 6-1 से जीत हासिल की, तो कुलदीप यादव और युजवेंन्द्र चहल की फिरकी गेंदबाजी का भी बड़ा कमाल रहा। पूरे सीरीज में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज इन दोनों फिरकी गेंदबाजों के सामने बेबस नजर आए। लेकिन सेंचुरियन में खेले गए टी-20 मैच में युजवेंन्द्र चहल टीम इंडिया के लिए काफी महंगे साबित हुए। चहल ने मैच में 4 ओवर में 64 रन खर्च किए। चहल की गेंदों पर सबसे ज्यादा अटैक हैनरिक क्लासेन ने किया। और तेजी से रन जुटाए। क्लासेन ने अपनी तूफानी पारी में 7 सिक्सर लगाए। जिसमें से 6 सिक्सर चहल की गेंदों पर लगाए। और अब जब टीम को जीत दिला दी, तो मैच के बाद क्लासेन ने चहल की गेंदबाजी पर दिया है बड़ा बयान।

चहल की गेंदबाजी पर बोले क्लासेन
मैच के बाद क्लासेन ने कहा भले ही साउथ अफ्रीका के बाकी बल्लेबाजों को टीम इंडिया के फिरकी गेंदबाज युजवेंन्द्र चहल की गेंदों को खेलने में दिक्कत आई। लेकिन मुझे इस फिरकी गेंदबाज को खेलना बहुत पसंद है। वांडर्स की तरह ही सेंचुरियन में भी चहल को क्लासेन ने बहुत मजबूती के साथ खेला। क्लासेन ने कहा चहल पर अटैक करना हमारे टीम प्लानिंग में नहीं था। लेकिन तेज गेंदबाज बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे थे इसलिए मैंने फिरकी गेंदबाज चहल को अपना निशाना बनाया। क्योंकि स्पिनर को खेलने के लिए मेरे पास कई विकल्प थे।

शानदार पारी का श्रेय कप्तान को दिया
मैच में शानदार पारी खेलकर मैन ऑफ द मैच बनने वाले हेनरिक क्लासेन ने अपनी इस पारी का श्रेय कप्तान जेपी ड्यूमिनी को दिया। क्लासेन ने कहा उनकी मैच विनिंग पारी में जेपी ड्यूमिनी की बड़ी भूमिका रही। मैंने जब पहला और दूसरा ओवर खेला तो उसने मुझसे कहा कि इस ओवर में 10 रन बनने चाहिए। कप्तान ने कहा कि मैं अपना स्वाभाविक गेम खेलूं, गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी करूं। और ये प्लानिंग चल भी गई। जेपी ने मुझसे कहा कि इस ओवर में 20 रन बनने चाहिए उससे मेरे अंदर का डर बाहर निकल गया। और मैं इस मैच विनिंग पारी को खेलने में कामयाब हो सका। और अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका अदा कर सका।