रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भू-राजस्व संहिता कानून संसोधन मामले में बुधवार को पीसीसी के प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में राज्यपाल से मुलाकात की. इस दौरान भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश में 32 फीसदी आदिवासी निवास करते है. 85 ब्लॉक आदिवासी क्षेत्रों में आते हैं. वहां पेसा कानून लागू है. ऐसे में ये जो कानून लाया गया है.यह आदिवासियों के लिए काला कानून है.
आदिवासियों की जमीन छिनने के लिए ये कानून लाया गया है. हमने राज्यपाल से कहा है कि आप आदिवासियों के संरक्षक भी है. इस संशोधन में आप दस्तखत ना करें ये मांग की है. राज्यपाल ने कहा है कि मैं परीक्षण करूँगा. वहीं आदिवासी विधायकों को मिलने में लगे वक़्त को लेकर भूपेश ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है.
उधर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने राज्यपाल से मुलाकात पर कहा, ‘ राज्यपाल से आग्रह करने गए थे कि आप संवैधानिक अधिकार के तहत इस बिल को ध्वस्त करे. आदिवासी समाज की अस्मिता प्रभावित होगी. रिहैबिलिटेशन पॉलिसी लागू नहीं हो पाएगी. एक काम आज तक नहीं रुका है जहां आदिवासियों की जमीन की वजह से सरकार का कोई काम रुका है. ऐसी क्या जरूरत सरकार को पड़ गई कि कानून में संशोधन करना पड़ गया.’