रायपुर। वाणिज्यकर विभाग और सेंट्रल जीएसटी की टीम ने ट्रांसपोर्टरों और व्यवसाईयों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपए का जुर्माना लगाया है. वाणिज्य कर विभाग और सेंट्रल जीएसटी ने यह कार्रवाई ई-वे बिल को लेकर की है. जिसके तहत अप्रैल में विभाग ने पिछले डेढ़ महीने में तकरीबन सवा करोड़ रुपए का जुर्माना वसूला है.

सेन्ट्रल जीएसटी और वाणिज्य कर विभाग ई-वे बिल को लेकर व्यावसाइयों और ट्रांसपोर्टरों को जागरुक करने के बाद अब सीधी कार्रवाई शुरु कर दिया है.जिसके तहत कई राज्यों के ट्रकों को राजधानी में पकड़ा गया है. जिनमें से कई लोगों ने अभी तक पेनाल्टी की रकम अदा नहीं की है. उनकी गाड़ियां विभाग ने खड़ी करवा दिया है.

जिन ट्रकों को पकड़ा गया है उनके ड्राइवरों ने बताया कि पिछले 10 से 12 दिनों से उनकी गाड़ियां खड़ी है. विभाग के द्वारा भारी भरकम जुर्माना लगाया गया है.

ये है ई-वे बिल

आपको बता दें कि प्रदेश में अप्रैल माह से ई-वे बिल लागू किया है जिसके तहत राज्य से बाहर जाने और आने वाले सामानों पर ई-वे बिल अनिवार्य कर दिया गया है. ई-वे बिल की जांच के लिए राज्य में वाणिज्यिक कर और सेन्ट्रल जीएसटी की संयुक्त टीमों का गठन किया गया है. सामान्यतया 15 टीमों का गठन किया गया है. प्रत्येक टीम में 4-4 अधिकारी और कर्मचारी हैं. वहीं मास चेकिंग के लिए 25 टीमोें का गठन किया गया है. ये टीमें राज्य भर में उन व्यवसाइयों और ट्रांसपोर्टरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं जो कि कच्चे बिल पर माल सप्लाई कर रही हैं. वाणिज्य कर विभाग के उपायुक्त  नरेन्द्र वर्मा ने बताया कि इसमें सामान पकड़ाने पर जब मालिक सामने आता है तो उसके खिलाफ GST के बराबर पेनाल्टी लगाई जाती है. वहीं सामान के मालिक के सामने नहीं आने पर विभाग द्वारा ट्रांसपोर्टर से ही पेनाल्टी की वसूली की जाती है. ट्रांसपोर्टर पर माल की कीमत के बराबर की पेनाल्टी लगाई जाती है.