रायपुर- कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रो (डॉ) एमएस परमार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर अपना इस्तीफा दिया है. पत्र में व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा देने की बात कही गई है.

यूनिवर्सिटी में लगातार दो दिनों से जारी विवाद के बीच यह इस्तीफा हुआ है. एनएसयूआई और एबीवीपी कार्यकर्ताओं के बीच शुक्रवार को झड़प हुई थी. शनिवार को भी यूनिवर्सिटी में जमकर हंगामा हुआ. एनएसयूआई ने परिसर में राजनीति बैठक करने का आरोप लगाया था.

बता दें कि कुलपति  डॉ मानसिंह परमार पर कई गंभीर आरोप लगे थे. उन्हें छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने नोटिस दिया था. यह नोटिस योग्य नहीं होने के बाद डॉ. परमार कुलपति बनाए जाने को लेकर लगाई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दिया था. डॉ. परमार की नियुक्ति को छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ में चुनौती दी है. प्रकरण में विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. मानसिंह के साथ-साथ यूजीसी को भी पक्षकार बनाया गया है.

याचिकाकर्ता डॉ. राकेश गुप्ता की ओर कोर्ट में यह दलील दी गई है-
  • डॉ परमार विश्वविद्दालय अनुदान आयोग द्वारा निर्धारित अनुभव न्युनतम 10 वर्षों तक प्रोफेसर के रूप में अनुभव नहीं रखते.
    विज्ञापन में पद के लिए जब आवेदन पत्र आमंत्रित किए गए थे तो योग्य ना होने के बावजूद डॉ परमार ने आवेदन दाखिल किया.
    चयन समिति ने डॉ परमार की योग्यता की जांच किए बिना ही उनका नाम कुलपति पद के लिए अनुशंसित कर दिया.
    आवेदन और संलग्न दस्तावेजों में डॉ परमार ने कहीं भी अपने शैक्षणिक व अनुभव संबंधी प्रमाण पत्र प्रदर्शित नहीं किए हैं.