हरिद्वार। गंगा से जुड़े सफाई सहित अन्य मुद्दों को लेकर 111 दिन से अनशन कर रहे स्वामी सानंद की मौत पर विवाद का साया गहराने लगा है. मातृ सदन ने स्वामी सानंद की मौत पर हत्या को हत्या बता रहा है है. मातृ सदन में ही स्वामी सानंद ने अनशन किया था. वहीं उनके गुरु रहे अविमुक्तेश्वरानंद ने मौत की सीबीआई जांच किये जाने की मांग की है.

स्वामी सानंद की मौत से संत समाज में भारी आक्रोश है. मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद जी महाराज ने कहा कि धारा 144 लगाकर जबरन उठा कर ले गए. हमने कहा कि स्टे लाने का समय दीजिए तो वो भी नहीं दिया. अब कह रहे हैं कि हार्ट अटैक से निधन हुआ, हार्ट अटैक यहां क्यों नहीं हुआ. वो यहां से बिल्कुल ठीक गए हैं, उन्होंने जबरिया ले जाने का विरोध भी किया था. स्वामी शिवानंद जी महाराज ने कहा पुलिस वाले उन्हें जबरदस्ती ले जा रहे थे और हमसे कह रहे थे कि आपसे सहयोग की उम्मीद है. डीएम, एसडीएस, सीओ सिटी, एम्स डायरेक्टर इनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए. हम जांच की मांग कर रहे हैं क्योंकि ये प्रत्यक्ष हत्या है.

वहीं प्रोफेसर जीडी अग्रवाल उर्फ स्वामी सानंद के गुरु अविमुक्तेश्वरानंद ने मौत की सीबीआई जांच की मांग की है. स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने स्वामी सानंद के शव के पोस्टमार्टम के साथ साथ उनके पार्थिव शरीर को काशी हिंदू विश्वविद्यालय को भी सौंपने की मांग की है.

स्वामी सानंद मातृ सदन में पिछले 22 जून से अनशन कर रहे स्वामी सानंद के बुधवार को जल त्यागने के बाद प्रशासन ने उन्हें ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया था. हरिद्वार जिला प्रशासन ने उनके आश्रम परिसर के चारों ओर धारा 144 लगाकर उन्हें कल जबरन उठा कर एम्स में भर्ती करा दिया था.

आईआईटी में प्रोफेसर रह चुके जीडी अग्रवाल गंगा में अवैध खनन, बड़े-बड़े बांधों के निर्माण जैसे कई मुद्दों को लेकर 22 जून से अनशन पर थे. अग्रवाल गंगा को अविरल बनाने के लिए लगातार मांग कर रहे थे. उनकी मांग थी कि गंगा और इसकी सह-नदियों के आस-पास बन रहे हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के निर्माण को बंद किया जाए और गंगा संरक्षण प्रबंधन अधिनियम को लागू किया जाए.

पर्यावरणविद जीडी अग्रवाल सन्यास ग्रहण कर स्वामी ज्ञान स्वरूप सानंद के रुप में जीवन व्यतीत कर रहे थे. गंगा से जुड़े मुद्दों को लेकर वे कई बार सरकार को पत्र लिख चुके थे. इस साल फरवरी में उन्होंने पीएम मोदी को पत्र लिखकर गंगा के लिए अलग कानून बनाने की मांग की थी. लेकिन जब पीएम की तरफ से कोई जवाब नहीं आया तो वे 22 जून से अनशन पर बैठ गए थे.