दिल्ली। राष्ट्रकवि दिनकर की एक कविता है…सिंहासन खाली करो की जनता आती है. अपनी आर्थिक हालातों से साल दर साल मरणासन होते किसानों ने भी अब दिल्ली सरकार को इसी कविता के तर्ज पर अपील किया है कि अगर हमारी स्थिति नहीं सुधरी तो फिर सरकार आपको सिंहासन खाली करनी पड़ेगी. किसानों ने अपनी ताकत दिखाने देश भर से दिल्ली की ओर मार्च किया. दो दिनों तक देश की राजधानी में किसान सड़क पर उतकर संसद घेरने निकले.

किसानों के इस मार्च का मोदी सरकार पर असर ये हुआ है कि सत्ता सिंहासन डोल उठी है. स्थिति को संभालने केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन किसानों के बीच तो नहीं आए लेकिन वे 3 घंटे तक लगातार एक के बाद एक ट्वीट कर यह बताने की कोशिश करते रहे कि मोदी सरकार ने किसानों के हित में क्या-क्या है.

किसानों के मार्च पर मंत्री ने कांग्रेस पर साधा निशाना

केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा है कि कांग्रेस सरकार के समय अधिदेषित 24 फसलों में से 09 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का 50% से कम था, जबकि मोदी सरकार ने किसान हित में इसे सभी 24 फसलों के लिए 50% या उससे अधिक कर दिया है. आज कांग्रेस को याद आ रहा है कि हमारा देश कृषि प्रधान है। कांग्रेस को इस बात का जबाव देना चाहिए कि क्यों उनकी सरकार वर्षों तक किसानों के प्रति उदासीन रहीं ?