महाराष्ट्र। वो कहावत है ना अपनी सुरक्षा अपने हाथ और आपने कई लोगों को बोलते हुए सुना भी होगा कि भगवान के भरोसे बैठने से कुछ नहीं मिलता. लेकिन भारत में एक गांव ऐसा भी जो भगवान भरोसे है. जी हां महाराष्ट्र का गांव शनि शिंगणापुर. ये गांव अपने आप में अनोखा है क्योंकि इस गांव के घरों में कोई दरवाजे नहीं. ना ही लोगों को चोरी का भय है. दरअसल लोगों को इस बात का यकीन है कि भगवान शनि उनकी रक्षा करते हैं और जब तक भगवान की इस गांव में कृपा है तब तक गांव के सभी घर सुरक्षित हैं इसलिए गांव के लोग बिना दरवाजों के घर में भी सूकून की नींद सोते हैं.

आश्चर्य की बात तो यह है कि 2011 में जब इस गांव में बैंक खुला तो लोगों की अास्था का सम्मान करते हुए बैंक में शटर नहीं लगाए गए. बैंक में सिर्फ एक पारदर्शी गेट लगाया गया. ताकि लोगों की भावनाओं को ठेस ना पहुंचे. आप निश्चित तौर हैरान होंगे कि बैंक में सुरक्षा शटर ना होने के बाद भी आजतक बैंक में कोई चोरी की  कोई भी घटना नहीं सामने आई है.

वहीं 2015 में जब इस गांव में पुलिस स्टेशन आया तो वहां भी दरवाजे नहीं लगाए गए. लोगों की भगवान शनि में आस्था का ही नतीजा है कि गांव में आजतक चोरी की कोई भी घटना नहीं हुई है. गांव के लोगों ने बताया कि जिसने भी चोरी करने की कोशिश की उसके साथ कोई ना कोई दुर्घटना हुई और उसे भगवान शनि देव ने सजा दी.

पुलिस वाले भी हैरान है कि घरों में दरवाजे नहीं होने के बाद भी यहां चोरी का एक भी केस नहीं आता. लोगों का मानना है कि जब से भगवान शनि उनके गांव में स्थापित हुए हैं तब से गांव में कोई भी दुर्घटना यहां के लोगों के साथ नहीं हुई है.

क्या है इतिहास-

माना जाता है कि शिंगणापुर गांव में एक बार बाढ़ आ गई थी. जिसके कारण धीरे-धीरे सब कुछ डूबने लगा. तो इस बारें में लोगों का कहना है कि एक दैवीय शिला पानी में बह रही थी. जब बाढ़ का पानी कुछ कम हुआ तो एक व्यक्ति ने एक पेड़ में यह पत्थर देखा. तो उसे देखकर उसे लालच आ गया कि इसे बेचकर वो अच्छी कमाई कर सकता है. इसी कारण उसने इस दैवीय पत्थर को पेड़ से उतारा और एक नुकीले चीज से उसको तोड़ने को मारा. जैसे ही उसने मारा इस पत्थर से खून निकलने लगा. वह यह देख भयभीत हो गया और वापस अपने गांव आकर इस बारे में सबको बताया. उसी दिन गांव के ही एक व्यक्ति के सपने में शनि देव आए और कहा कि उनकी प्रतिमा को गांव में स्थापित किया जाए. तब से उस गांव वालों की शनि देव में आस्था है.