कोटमी-पेण्ड्रा। अखिल भारतीय कांगे्रस कमेटी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद राहुल गांधी पहली बार मरवाही विधानसभा क्षेत्र के पेण्ड्रा पहुंच रहे हैं। कुछ ही घंटों के बाद राहुल गांधी का आगमन कोटमी में होगा। यहां वे विशाल जन समूह, आदिवासियों, किसानों को संबोधित करेंगे। राहुल गांधी की जंगल सत्याग्रह-आदिवासी किसान सम्मेलन के लिए पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री व छग इलेक्शन कैम्पेन कमेटी के चेयरमेन डॉ. चरणदास महंत की देखरेख में पिछले तीन दिनों से वृहद तैयारियां की जा रही हैं। वे स्वयं यहां कैम्प लगाकर अपनी सीधी देखरेख में तैयारी करा रहे हैं। सभा के लिए 90 हजार वर्गफीट का डोम तैयार किया गया है। इसके अलावा 26 हजार कुर्सियां भी लगवाई गई हैं। सभा में 60 हजार से अधिक लोगों के शामिल होने के आधार पर तैयारी है। इस सभा में खास बात यह भी है कि पहली बार विशालकाय मंच पर राहुल गांधी के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेताओं सहित 30 लोग मंच साझा करेंगे।

0 जल-जंगल-जमीन पर फोकस

कोटमी की आमसभा में आदिवासियों, वनवासियों, किसानों की दुर्दशा पर फोकस किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में किसानों की हालत और भी बदतर होती जा रही है। वनवासियों, आदिवासियों को उनके जल-जंगल-जमीन से बेदखल कर उद्योगों को विकसित किया जा रहा है। वनवासियों को उनके वन अधिकार पट्टे से वंचित करने के साथ ही जंगलों को उजाड़ कर जंगल में रहने वाले जानवरों के भी जीवन से खिलवाड़ हो रहा है। जंगली जानवर हाथी, भालू जंगलों से निकल कर गांवों में पहुंच रहे हैं और मानव-जानवर के बीच द्वंद बढ़ता जा रहा है जिसमें सर्वाधिक नुकसान मानव को ही उठाना पड़ रहा है। सरकार ऐसे हमलों को रोकने के प्रति भी संजीदा नहीं है। वनवासियों को उनका हक दिलाने की लड़ाई एकता परिषद् व गोंड़वाना गणतंत्र पार्टी निरंतर लड़ रही है किन्तु भाजपा सरकार ऐन चुनाव के वक्त ही वनवासियों को वनाधिकार पट्टा बांटने की सुध लेती है। राहुल गांधी ऐसे वंचित वनवासियों, आदिवासियों, किसानों को उनके जल-जंगल-जमीन की रक्षा और अधिकार दिलाने की लड़ाई में साथ खड़े हैं।