बचेली. इंटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजीवा रेड्डी और प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह द्वारा एन एम डी सी और सेल की खदानों में कार्यरत इंटक से सम्बद्ध दोनों यूनियनो के विलय का निर्देश दिया था और इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय कार्य समिति के अध्यक्ष डी.एल.मारकंडे को दी गई थी। मारकंडे द्वारा इस हेतु पत्र निकालकर दोनों यूनियन के विलय के बाद बचेली शाखा में आम चुनाव करवाने का आदेश दिया था। इस तरह चुनाव करवाने से सभी सदस्यों को वोट देने का अधिकार प्राप्त होता।

लेकिन इसका विरोध बचेली के कतिपय पदाधिकारियों ने किया और महामंत्री से दूसरा पत्र निकलवा लिया गया । जिसके कारण मारकंडे ने बीते दिनों महामंत्री को निलंबित कर कारण बताओ नोटिस जारी किया है ! इस पर रवि मंडल ने इंटक के विधान के खिलाफ जाकर मनमाने ढंग से केंद्रीय समिति की बैठक बुलाने का प्रयास किया,जो कि अनुशाशनहीनता की श्रेणी में आता है वजह यही की संगठन विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते केंद्रीय कार्य समिति के अध्यक्ष मारकंडे ने रवि मंडल को भी निलंबित कर दिया। निलंबन की कार्यवाही से यूनियन में हड़कंप मच गया है।

किरंदुल, नंदिनी और राजहरा में यूनियन की शाखाओं द्वारा विलय हेतु सहमति देने के बावजूद महामंत्री ने विलय के बिना चुनाव करवाने की कोशिश की वजह यही की मेटल माइंस वर्कर्स यूनियन के महामंत्री पर निलंबन की गाज गिरी ! इंटक के शीर्ष नेतृत्व ने विलय की प्रक्रिया में विघ्न डालने वालों पर सख्त कार्यवाही का निर्देश दिया था जिसका जिक्र मारकंडे ने अपने पत्र में भी किया था । अशोक बाम्बेश्वर और रवि मंडल पर कार्यवाही को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है।