रमेश सिन्हा, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आदिवासियों को प्रातड़ित किए जाने मुद्दा जोर-शोर से उठते रहा और अभी भी उठ रहा है. यहाँ संघ प्रमुख के सामने राजधानी में संघ के मंच से आदिवासी समाज के नेता ने कहा, आदिवासी प्रताड़ित किए जा रहे हैं.  लेकिन दूसरी ओर बलौदाबाजार जिले के बारनवापारा अभ्यारण्य में बेदखली की कार्रवाई को लेकर आदिवासियों और वन विभाग के अधिकारियों के बीच मारपीट हो गई.

घटना बारनवापारा के बया चौकी इलाके के रामपुर गाँव की है.  दरअसल रामपुर गाँव वालों को अभ्यारण्य से बाहर विस्थापित किया गया हैं. लेकिन इस गांव के 15 से 20 परिवार आज भी अपने पुराने गांव में बसे हैं और उन्होंने विस्थापन को स्वीकार नही किया है. लिहाजा वन विभाग के द्वारा लगातार आदिवासियों को प्रताड़ित कर जबरन हटाने का प्रयास किया जा रहा हैं.

रामपुर गाँव वालों इसकी शिकायत बया चौकी के साथ ही कसडोल थाने में कराई है. छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन के संयोजक आलोक शुक्ला ने कहा, कि उन्हें गाँव वालों ने बताया है कि वन विभाग के रेंजर संजय रौतिया ने बया थाने के पुलिस वालों को लेकर ग्रामीणों के साथ मारपीट की है.  यहां तक कि महिलाओं को भी पीटा गया. इसके बाद ग्रामीणों के विरुद्ध ही बया थाना जिला कसडोल में मामला पंजीवद्ध कर दिया गया.  इस मामले का पता चलते ही अभ्यारण्य के अन्य गांव और संगठन के लोग पीड़ितों के बया थाने पहुँचकर रेंजर के खिलाफ एफआईआर लिखवाने के लिए थाने में बैठे हैं, परंतु उनकी और से एफआईआर नहीं लिखी गई.

वहीं बया चौकी प्रभारी संतोष साहू का कहना, कि रामपुर में अभी तीन परिवार के लोग ही है जिनका विस्थापन किया जा रहा है. इसी सिलसिले में रेंजर संजय रौतिया अपनी टीम के साथ गाँव पहुँचे. विस्थापन को लेकर वन विभाग के साथ ग्रामीणों का विवाद हुआ. विवाद के दौरान एक युवक ने रेंजर से पर हाथ उठा दिया. इसी दौरान दोनों के बीच मारपीट हुई. दोनों ही ओर से शिकायत दर्ज कर ली गई और मामले की जाँच जारी है.