नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर किसान नेताओं और सरकार के बीच हुई ग्यारहवें दौर की बातचीत फिर बेनतीजा रही. पिछली बैठकों की तुलना में इस बैठक में बस इतना अंतर रहा कि इस बार अगली बैठक के लिए कोई तारीख नहीं तय की गई.

पिछली बैठक में कृषि कानूनों को डेढ़ साल के लिए स्थगित करने के सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों द्वारा चर्चा किए जाने की बात कहे जाने से बातचीत के आगे बढ़ने के संकेत मिले थे, लेकिन किसान संगठनों के सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने के साथ कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े रहने से सरकार के लिए आगे की राह मुश्किल हो गई.

बैठक में सरकार की ओर से कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से एक बार प्रस्ताव पर फिर विचार करने को कहा. उन्होंने कहा कि किसानों ने सरकार के प्रस्ताव पर सकारात्मक जवाब नहीं दिया है. हम कानून को स्थगित किए जाने से और कोई बेहतर प्रस्ताव किसानों को नहीं दे सकते हैं. लेकिन किसान नेताओं के इस प्रस्ताव पर विचार करने से इंकार करने पर बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई.

26 जनवरी को होगी ट्रैक्टर रैली 

बैठक के बेनतीजा समाप्त होने के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने पत्रकारों से चर्चा में कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने 26 जनवरी को होने वाली ट्रैक्टर रैली के यथावत रहने की भी बात कही. वहीं किसान मजदूर संघर्ष समिति के एसएस पंधेर ने कहा कि मंत्री ने हमे साढ़े तीन घंटे इंतजार कराया. और जब आएं तो हमें सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने की बात कहते हुए बैठक को खत्म कर दिया. यह किसानों का अपमान है. किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन जारी रहेगा.