देश में बिकने वाली हर 2 में से 1 कार मारुति सुजुकी (Maruti Suzuki) की होती है. लेकिन कार की गुणवत्ता और पैसेंजर सेफ्टी को लेकर वैश्विक स्तर पर हुए Global NCAP (Global New Car Assessment Programme) के क्रैश टेस्ट ने कंपनी और इसके ग्राहकों को मुश्किल में डाल दिया है.

कंपनी की तीन सबसे लोकप्रिय कारें क्रैश टेस्ट में फिसड्डी साबित हुई हैं. इन कारों में मारुति की चर्चित कार स्विफ्ट (Swift) के अलावा इग्निस (Ignis) और एसप्रेसो (S-Presso) भी शामिल हैं. इससे पहले पिछले साल मेड इन इंडिया बलेनो को भी लैटिन NCAP क्रैश टेस्ट में 0 सेफ्टी रेटिंग मिली थी. देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी की कारों के क्रैश टेस्ट में फेल होने को लेकर बाजार में काफी चर्चा है.

Global New Car Assessment Programme (Global NCAP), ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (ग्लोबल एनसीएपी) ने सोमवार को #SaferCarsForIndia अभियान के तहत नए और ज्यादा कड़े क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल के नतीजों के दूसरे सेट का एलान किया. टेस्ट के नतीजों में मारुति सुजुकी के तीन मॉडल – Swift (स्विफ्ट), S-Presso (एस-प्रेसो) और Ignis (इग्निस) शामिल हैं. जिन्हें दो फ्रंटल एयरबैग और एबीएस के साथ उनके बुनियादी सेफ्टी स्पेसिफिकेशंस में टेस्ट किया गया था.

तीनों कारों को मिला है सिर्फ 1 स्टार

मारुति सुजुकी की तीन पॉपुलर कारों स्विफ्ट, इग्निस और एसप्रेसो के एंट्री-लेवल मॉडल्स का परीक्षण किया गया. इस टेस्ट में ​तीनों कारों को सिंगल-स्टार रेटिंग मिली है. स्विफ्ट सहित तीनों कारें ESC मानकों पर खरी नहीं उतरीं वहीं UN127 पैदल यात्री सेफ्टी स्टैंडर्ड्स पर भी ये कारें फिसड्डी साबित हुई. Global NCAP ने ये क्रैश टेस्ट के लिए जुलाई 2022 में नए प्रोटोकॉल तय किए थे. ये नए सेफ्टी टेस्ट इन्हीं के तहत किए गए हैं.

सेफ्टी फीचर्स में रह जाती हैं पीछे

बता दें कि मारुति सुजुकी की कारों में सेफ्टी फीचर्स पर जोर तो दिया जाता है, लेकिन इनकी बॉडी की मजबूती पर लोगों को संशय होता है और ऐसी स्थिति में ये सेफ्टी स्टैंडर्ड्स के साथ ही सेफ्टी फीचर्स के मामले में टाटा और महिंद्रा के साथ ही ह्यूंडाई की कारों से पिछड़ जाती है. हालांकि, मारुति सुजुकी की कारें भारत में सबसे ज्यादा बिकती हैं और इसके कारण बेहतर माइलेज, आसानी से सर्विस समेत कई अन्य हैं. संभावना है कि आने वाले समय में मारुति सुजुकी अपनी कारों के सेफ्टी फीचर्स को बेहतर करने के साथ ही बॉडीशेल की मजबूती पर भी फोकस करेगी और फिर ग्राहकों को इस कंपनी की कारों से शिकायतें कम होंगी.

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