पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद. जिले में बड़े पैमाने पर बीपीएल कार्डधारियों को कोरोना काल मे केंद्र सरकार द्वारा जारी अतिरिक्त राशन नहीं मिल पाया है. कार्डधारियों की लगातार मांग के बाद भी जिला प्रशासन ने राशन मुहैया नहीं कराया. अब लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी बढ़ गई है और कुछ गांवों के हितग्राही अपने हक का राशन लेने के लिए जल्द भी बड़े आंदोलन और पदयात्रा की तैयारी में है. ग्रामीणों की इसको लेकर हाल ही में एक बड़ी बैठक हुई है.
जानकारी के अनुसार बीते शुक्रवार को मैनपुर विकासखंड के अड़गड़ी और उसके तीन आश्रित ग्रामवासियों की बैठक हुई. बैठक में जनपद सदस्य, सरपंच, सचिव और सभी पंचों सहित बड़ी संख्या में कार्डधारी मौजूद रहे. इस दौरान तकरीबन 300 से अधिक हितग्राही अपने कार्ड के साथ उपस्थित हुए.
वहीं सभी हितग्राहियों ने एक सुर में इस बात को कहा कि पिछले 10 माह से उन्हें शासन की ओर से कोरोना काल के दौरान मिलने वाला अतिरिक्त राशन नहीं मिल पाया है. बैठक में चेक करने पर कई ऐसे राशन कार्ड भी सामने आए, जिसमें अतिरिक्त राशन दिए बैगर ही एंट्री की गई है. बैठक में ग्रामीणों ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है.
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ग्रामीणों ने सबसे पहले सोमवार को कलेक्टर के नाम मैनपुर एसडीएम को ज्ञापन सौपने का निर्णय लिया है, जिसमें उचित कार्रवाई के लिए 6 दिन का समय दिया जाएगा. यदि तय समय में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो ग्रामीणों ने अड़गड़ी से जिला मुख्यालय तक पैदल मार्च करने का निर्णय लिया है. इसके बावजूद भी यदि उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो आगे के आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की बात कही है.
ग्रामीणों को इस मामले में भाजपा का भी समर्थन मिल रहा है. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी नलिनीश ठोकने ने इस मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए ग्रामीणों का साथ देने का ऐलान किया है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल मे मोदी सरकार द्वारा कार्डधारियों के लिए जो अतिरिक्त अनाज आबंटित किया गया था उसे राज्य सरकार ने हितग्राहियों को आबंटित नहीं किया. शुरू में यह 1600 करोड़ का घपला नजर आ रहा था जो अब 3 हजार करोड़ का प्रतीत होता नजर आ रहा है.
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बता दें कि अड़गड़ी के ग्रामीण जिला प्रशासन से इसलिए बेहद खफा हैं कि शिकायत के बाद भी जिला प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई नहीं कर रहा है. ग्रामीणों का आरोप है कि अड़गड़ी राशन दुकान का सेल्समैन कभी भी समय पर दुकान नहीं खोलता है, शक्कर और चना देने में भी आनाकानी करता है. कभी राशन खत्म होने की बात कहकर राशन देने से ही मना कर देता है. ग्रामीणों के मुताबिक वे अपनी शिकायतों को कई बार जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं मगर उसके बावजूद भी सेल्समैन के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
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बैठक में मौजूद मैनपुर जनपद पंचायत सभापति धनश्याम मरकाम ने बताया कि अड़गड़ी पंचायत उनके निर्वाचन क्षेत्र में आता है. उनके मुताबिक अतिरिक्त राशन के संबंध में उनकी सेल्समैन से कई बार चर्चा हुई है. वह हमेशा कागज में आबंटन होने के बाद एलॉटमेंट नहीं होने की जानकारी देता रहा है. इसकी शिकायत उन्होंने काफी समय पहले तत्कालीन एसडीएम से भी की थी, लेकिन न मामले की जांच हुई और न कोई कार्रवाई की.
वहीं ऐसा ही दावा गांव के सरपंच कृष्ण कुमार नेताम ने भी किया है. उन्होंने कहा कि उनकी पंचायत में 334 राशनकार्ड धारी हैं, लेकिन कोरोना काल मे किसी को भी केंद्र सरकार द्वारा जारी अतिरिक्त राशन नहीं मिल पाया है. उन्होंने बताया कि अंत्योदय कार्डधारी को प्रति सदस्य 5 किलो और बीपीएल कार्ड में प्रति सदस्य 3 किलो अतिरिक्त अनाज दिया जाना था जो हितग्राहियों को नहीं मिल पाया है.
ऐसे में लोगों का दावा है कि अगर प्रशासन इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच करे तो बहुत बड़ी मात्रा में चावल की हेराफेरी सामने आ सकती है. हालांकि जिला प्रशासन मामले को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहा है.
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