रायपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महासचिव विनोद तिवारी ने कहा कि गरियाबंद जिले में निवासरत संरक्षित जनजाति कमार व भुजिया आदिवासियों के साथ पूर्व की भाजपा सरकार ने की बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी फ़र्ज़ी रजिस्ट्री की. बड़े झाड़ के जंगलों को कूटरचना कर कृषि भूमि बताकर रजिस्ट्री करवा दी गई. आदिवासियों को वर्षों गुज़र जाने पर भी ना भूमि का क़ब्ज़ा मिला ना रजिस्ट्री की कापी, 202 रजिस्ट्रीयो में से 170 रजिस्ट्रीयो में ना तो नक़्सा खसरा, बी 1 है ना ही फ़ोटो, ना निरीक्षण रिपोर्ट है, 24 रजिस्ट्रीयो में स्टाम्प पेपर भी नहीं लगाया गया है. जिन आदिवासियों से ज़मीन क्रय की गई उन्हें भी पूरा पैसा प्राप्त नहीं हुआ तात्कालिक भूमि की क़ीमत से 5 गुना ज़्यादा पैसा ले शासकीय पैसे का दुरुपयोग कर इतना बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है जो सरकार के संरक्षण बग़ैर सम्भव नहीं है.

इसी संबंध में कलेक्टर गरियाबंद को शिकायत पत्र के साथ 4000 पेज के दस्तावेज़ सौंपा गया है. कलेक्टर श्याम धावडे ने चर्चा के बाद कहा कि मामला गम्भीर है. सूक्ष्मता से जांच कराई जाएगी, जो भी दोषी होंगे कार्यवाही होगी. मामले में एफआईआर भी दर्ज कराएंगे.

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संयुक्त महासचिव विनोद तिवारी ने बताया कि यह जानकारी निकालने के लिए मैंने सबसे पहले कमार भुजिया विकास प्राधिकरण में 12 मई 2017 को सूचना के अधिकार के तहत आवेदन किया. लेकिन एक माह बाद भी जानकारी ना मिलने पर प्रथम अपीलीय अधिकारी को 28 अप्रैल 2017 को पत्र लगाया. नियत समय में वहाँ से भी जानकारी ना मिलने पर राज्य सूचना आयोग को 7 सितंबर 2017 को पत्र लगाया गया. 17 माह बाद राज्य सूचना आयोग से पेशी की तारीख़ मिली, मैंने वहाँ उपस्थित हो आयुक्त, राज्य सूचना आयोग को सारी स्थिति से अवगत कराया, तब आयुक्त राज्य सूचना आयोग ने जानकारी उपलब्ध कराने विभाग को निर्देशित किया.

उन्होंने कहा कि 14 मार्च 2019 को 22 माह बाद प्रमाणित 177 रजिस्ट्रियों की कुल 3846 पेज की जानकारी उपलब्ध कराई गई. 26 रजिस्ट्रियों को उपपंजीयक कार्यालय से अप्राप्त बताया गया. मेरे द्वारा बार बार गरियाबंद जाकर जानकारी की मांग किये जाने पर कार्यालय कमार भुजिया विकास प्राधिकरण द्वारा कहा जाता था कि अभी तक उप-पंजीयक कार्यालय से रजिस्ट्रियां अप्राप्त है. काफी प्रयासों के बाद उप-पंजीयक कार्यालय से जानकारी निकलवाने के बाद मुझे कार्यालय कमार भुजिया विकास प्राधिकरण से जानकारी दिनांक 16 अक्टूबर 2019 को 26 रजिस्ट्रीयो की 282 प्रमाणित पेजो में दिया गया.

बता दें कि गरियाबंद जिले में कमार एवं भुजिया जनजाति के लोग निवासरत हैं. इस जनजाति के लोगों की संख्या बहुत कम है. ये एक संरक्षित जनजाति के लोग है. भारत के राष्ट्रपति द्वारा इन्हें गोद लिया गया है ताकि इनका समुचित विकास हो, इनके लिये बहुत सी योजनाएँ संचालित की जाती है. इसी कड़ी में कमार भुजिया जनजाति के लोगों को सरकार द्वारा अपने पैसे से ज़मीन क्रय कर मुफ़्त में ज़मीन पंजीयन करा देने का प्रावधान है.