कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने एक मामले में पांच लोगों को 16 साल तक सजा काटने के बाद बरी कर दिया है. 11 साल तक जेल की सजा काटने के बाद हाईकोर्ट ने इन्हें निर्दोष माना है. साथ ही कोर्ट शासन को पीड़ितों को हर्जाने के तौर पर 3-3 लाख रुपए का मुआवजा देने का भी आदेश दिया है.

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दरअसल, पूरा मामला 9 अगस्त 2005 दतिया जिले गोदन थाना क्षेत्र का है. जहां पुलिस ने 5 लोगों को अपहरण के मामले में नामजद एफआईआर दर्ज किया था. जिसके बाद जांच अधिकारी ने गलत जांच की और इस जांच के आधार पर दतिया जिले के विशेष सत्र न्यायाधीश ने साल 2008 में पांचों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुना दी. सजा मिलने के बाद आरोपियों ने 11 साल जेल में बिताए. 11 साल बाद जमानत मिली.

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मामले में पुलिस द्वारा आरोपी बनाए गए 5 लोगों ने अपील दायर की थी. जिस पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर हाईकोर्ट की बेंच ने मामले में जेल में बंद पांच आरोपियों को राहत देते हुए निर्दोष माना है. कोर्ट ने 5 लोगों को बरी कर दिया है. साथ ही सरकार से जांच अधिकारी के पेंशन से वसूल कर तीन-तीन लाख रुपए मुआवजा देने का आदेश दिया है.

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आपको बता दें कि जिले के भिटारी गांव में रहने वाले राम कुमार राजपूत का 22 जुलाई 2005 को अपहरण कर लिया गया था. राम कुमार के भाई ने पुलिस में अपहरण की शिकायत दी थी. कुछ दिन बाद अचानक से राम कुमार अपने घर पहुंच गया और बताया कि अपहर्ता सो रहे थे और इसी दौरान वह उनके चंगुल से भाग निकला. राम कुमार को छोड़ने के एवज में 10 लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी.

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